कोटा ब्यूरो रिपोर्ट।  

भाजपा विधायक मदन दिलावर व एक अन्य पर धारा 302/120बी के तहत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की हत्या के षड्यंत्र में शामिल होने का केस दर्ज हुआ है। मामला 8 मई को जयपुर की संजय सर्किल पुलिस ने दर्ज किया है। मुकदमा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के मुख्यालय प्रभारी राम सिंह कस्वां ने दर्ज कराया। मुख्य आरोपी कर्नाटक में बीजेपी प्रत्याशी मणिकांत राठौड़ हैं, जिन्होंने खरगे को मारने की धमकी दी थी।

वहीं दिलावर ने 1 मई को कहा था कि खरगे 80 के हो गए, भगवान उन्हें कभी भी उठा सकता है। कानून के जानकारों का कहना है कि धारा 302/120बी तब ही लग सकती है, जब हत्या हो चुकी हो और आरोपी उसके षड्यंत्र में शामिल रहा हो। इतना ही नहीं, पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट भी विधायक दिलावर पर लगा दिया जबकि वे खुद इसी वर्ग से आते हैं और उन पर इस धारा में केस दर्ज नहीं हो सकता। दरअसल, यह महज धमकी देने का केस है, इसमें धारा 302 या 120 बी तो बनती ही नहीं है।

कांग्रेस के लोग किसी को भी किसी भी झूठे मामले में फंसा सकते हैं। वह अधिकारी सबसे मूर्ख है, जिसने जिंदा व्यक्ति के मामले में धारा 302 में केस किया। मैं कार्रवाई करूंगा। - मदन दिलावर, बीजेपी विधायक

विधायक ने 1 मई को कहा था- खरगे 80 साल के, भगवान इन्हें कभी भी...
जीवित आदमी के मामले में धारा 302/120बी कैसे लग सकती है?

302 नहीं, बल्कि 302/120बी है। कानून के जानकारों से चर्चा के बाद ही धाराएं लगाई गई हैं। यह तो षड्यंत्र का मामला है।
विधायक दिलावर खुद एससी-एसटी से हैं, उन पर इसी एक्ट की धारा कैसे लगा दी?
वे सह आरोपी हैं। नहीं बनेगी तो हट जाएगी।
जांच भी सीआईडी-सीबी को अभी तक ट्रांसफर नहीं की गई, जबकि विधायक के आरोपी होने पर पुलिस स्तर पर जांच नहीं होती?
यह फाइल वहीं जाएगी। मामले की जांच सीआईडी-सीबी द्वारा ही की जाएगी। इसमें पुलिस की कोई भूमिका नहीं है।
-जैसा कि सर्किल थाने के एसएचओ मो. शफीक खान ने बताया

जीवित व्यक्ति के मामले में 302 नहीं लगती : एसीपी
जांच एसीपी नरेंद्र कुमार के पास है। उनका कहना है कि फाइल मेरे पास नहीं आई है। धारा 302 के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हो सकता है, बाय मिस्टेक मिस प्रिंट हो गई हो। मेरे संज्ञान के हिसाब से तो जीवित व्यक्ति के मामले में धारा 302 नहीं लगाई जा सकती। यदि गलती हुई है तो ठीक कराएंगे।

धारा 302/120बी मानव मृत्यु होने पर ही लागू : एक्सपर्ट
धारा 302/120बी किसी मानव की मृत्यु होने पर ही लागू होती है। धमकी, षड्यंत्र पर या ऐसी आशंका पर लागू नहीं। जाहिर है किसी भी व्यक्ति की हत्या नहीं की गई है। इस धारा में परिवाद के तथ्यों की प्रथम दृष्ट्या जांच कर धाराएं लगनी चाहिए थीं। झूठ पर परिवादी के विरुद्ध परिवाद का अधिकार है। - विवेक नंदवाना, दीपक चौहान वरिष्ठ अधिवक्ता