जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

पंजाब कांग्रेस के प्रभारी और बायतु विधायक हरीश चौधरी ने बुधवार को ओबीसी आयोग अध्यक्ष भंवरू खान से मुलाकात कर ओबीसी आरक्षण की सीमा 21 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने की मांग की है। हरीश चौधरी ने कहा- हम केवल ओबीसी की बात नहीं करते,SC-ST समेत सभी जातियों को अपना - अपना हक मिलना चाहिए। केंद्र सरकार जातिगत आधार पर कराई गई जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करे। जातिगत जनगणना नहीं होने से कई वर्गों के हितों के साथ कुठाराघात हो रहा है।

हरीश चौधरी ने कहा- हम दो साल से ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। राजस्थान में जनसंख्या के हिसाब से सर्वाधिक प्रतिशत ओबीसी वर्ग का है, जो कि राज्य की कुल जनसंख्या की आधी से ज्यादा हिस्सेदारी है। लेकिन राज्य के वर्गवार आरक्षण में ओबीसी वर्ग को मात्र 21 प्रतिशत आरक्षण दिया हुआ है, जो कि जनसंख्या के अनुपात में ओबीसी वर्ग के प्रतिनिधि में सबसे बड़ी बाधा है। राज्य में जातिगत जनगणना के आंकड़ों के अनुसार जनसंख्या में हिस्सेदारी के अनुपात में आरक्षण देकर ओबीसी वर्ग को राहत दी जाए।

जातिगत जनगणना के आंकड़े छिपा रही है केंद्र सरकार

हरीश चौधरी ने कहा- कोई भी इस भ्रम में नहीं रहे कि देश में जातिगत जनगणना नहीं हुई है। देश में जाति की जनगणना हो चुकी है। पहले अरुण जेटली के समय जातिगत जनगणना हुई थी, लेकिन उस रिपोर्ट को जारी नहीं किया। जिस कारण राजस्थान और देशभर की पिछड़ी जातियों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। केंद्र सरकार से हमारी मांग है कि जो जातिगत जनगणना हो चुकी है, उसको सार्वजनिक किया जाए, ताकि देश में और खासतौर से राजस्थान में जातिगत जनसंख्या के आधार पर आरक्षण में बदलाव हो सके। ओबीसी वर्ग का आरक्षण का दायरा 21 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत तभी किया जा सकता है, जब जातिगत जनगणना सार्वजनिक होगी।

जातिगत जनगणना और ओबीसी आरक्षण चुनावी मुद्दा नहीं
चुनावी साल में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाने के सवाल पर ​हरीश चौधरी ने कहा- ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति दो साल से यह काम कर रही है। इसे चुनावी मुद्दे के रूप में नहीं देखना चाहिए। हमारी केंद्र और राज्य, दोनों सरकारों से मांग है कि ओबीसी आरक्षण का दायरा बढाया जाए।