जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट।

आसाराम बंद है। कश्मीर के आतंकवादी और सलमान खान भी यहां रह चुके। सबसे सुरक्षित जेलों में से एक का तमगा। ऐसी जोधपुर सेंट्रल जेल की असलियत यह… यहां 25 मोबाइल सक्रिय हैं। कैदी इन पर धड़ल्ले से 54 सिम चला रहे हैं। अधिकांश एंड्रॉयड फोन। एक वीडियो में तो वार्ड 10 की 3 नंबर बैरक में बंदी खुलेआम फोन पर बात करते भी दिख रहे हैं। यह स्थिति तब है, जबकि देशभर की जेलों में सख्ती है, क्योंकि पंजाब की बठिंडा जेल के अंदर से गैंगेस्टर लॉरेंस विश्नोई ने मोबाइल से एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दे दिया था।

डाटा विश्लेषण व कॉल डिटेल में सामने आया कि जेल के पास लगा मोबाइल टावर कैदियों के लिए कम्यूनिकेशन टूल हो गया है। कैदी वॉट्सऐप कॉल से धमकियां, एक्सटॉर्शन जैसे काम कर रहे तो इंस्टाग्राम से मनोरंजन ले रहे। हाल में जेल से दो कैदियों ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड की एक युवती को धमकी दी। भाई ने सीधे जेल अधीक्षक को शिकायत दी, लेकिन हुआ कुछ नहीं।

जोधपुर सेंट्रल जेल के अंदर के वीडियो के फुटेज, बैरक में बंदी खुलेआम फोन पर बात करते दिख रहे
जेल से कॉल, अब मोबाइल बंद...10 दिन तक से चौहाबो निवासी युवती के मोबाइल पर सेंट्रल जेल से बदमाशों के काॅल आ रहे थे। वह अश्लील बातें कर रहा था। बोला कि बात सुनो नहीं तो, अंजाम बुरा हाेगा। हम अपने साथियाें काे भेज तुम्हें घर से उठा लेंगे। इतना ही नहीं वे वीडियाे काॅल कर युवती काे बता भी रहे हैं कि देखाे हम जेल में बंद हैं।

युवती के भाई ने जेल सुपरिटेंडेंट राजपाल सिंह से शिकायत की। उसने बताया कि आरोपी अधिकांश बार मोबाइल नंबर 9530332929 से वॉट्सऐप कॉल करते हैं। शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि उसके बाद से आरोपियों का मोबाइल बंद आ रहा है। कॉल करने वाले आरोपियों में से दो आरोपी हत्या, एक नशीले पदार्थों की तस्करी मामले में बंद है।

वॉट्सएप कॉल और सिम से छोटे-छोटे कॉल, ताकि सर्विलांस में ना आ पाएं

  • जेल में 25 आईएमईआई से 54 मोबाइल नंबर चलते पाए गए। इन सभी नंबरों की लोकेशन लंबे समय से 1 ही टावर में आ रही है। कुछ नंबरों से अफीम उत्पादक क्षेत्र नीमच, मंदसौर, चित्तौड़गढ़ व प्रतापगढ़ में कॉल्स हुई।
  • अधिकांश कॉल अलसुबह 4 से 9 बजे और फिर शाम 5:30 से देर रात तक हुए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि दिन में जेल में निगरानी रहती है।
  • इन नंबरों से बहुत छोटी-छोटी कॉल्स हुईं। ऐसा इसलिए किया जा रहा ताकि ये लोग पुलिस द्वारा किए जा रहे सर्विलांस से बच सकें।
  • इंटरनेट का उपयोग काफी हो रहा है। इसके जरिये वॉट्सऐप या अन्य सोशल मीडिया एप से कॉल कर रहे, ताकि पकड़ में न आएं।
  • एक मोबाइल में 5-7 नंबर उपयोग में आ रहे। प्रत्येक उपयोगकर्ता के पास अपनी सिम है। वे मोबाइल बदलकर काम में लेते हैं।
  • ऐसे मोबाइल जिनमें सिम बार-बार चेंज नहीं हो रही, वे भी काम में लिए जाना सामने आया है।

शिकायत मिलने से ही इंकार
हमारे पास शिकायत नहीं आई है। जेल में कार्रवाई के बाद मिले मोबाइल व अन्य सामग्री के मामले में रातानाडा थाने में केस दर्ज है। -राजपाल सिंह, अधीक्षक, सेंट्रल जेल

50 से ज्यादा मोबाइल मिले
जब भी सूचना मिलती है तो कार्रवाई करते हैं। पुलिस कई बार कार्रवाई कर चुकी है, जिसमें 50 से ज्यादा मोबाइल मिले हैं। -अमृता दुहन, डीसीपी (पूर्व)