सवाई माधोपुर - हेमेंद्र शर्मा
सवाई माधोपुर स्थित रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से बाघ टी-104 को मंगलवार सुबह उदयपुर के सज्जनगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क में शिफ्ट किया गया था। तीन लोगों को मौत के घाट उतारने वाले खूंखार बाघ टी-104 की रणथम्भौर से विदाई के बाद 24 घंटों के भीतर ही उदयपुर के सज्जनगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क में मौत हो गई है। बाघ टी 104 की असमय मौत से जहाँ एक ओर वन्यजीव प्रेमियों में निराशा है। वहीं दूसरी ओर रणथम्भौर में वन विभाग की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार उदयपुर के सज्जनगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क में मंगलवार देर रात करीब साढ़े ग्यारह बजे बाघ की मौत हो गई रही । हालांकि अब तक इस संबंध में सज्जनगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क के अधिकारियों की ओर से स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा रहा है। लेकिन सूत्रों की माने तो अब टी-104 भी दम तोड़ चुका है।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बाघ को रणथम्भौर के भिड नाके पर बने एनक्लोजर में मंगलवार सुबह करीब 6 बजकर 35 मिनट पर ट्रेंकुलाइज किया गया था। इसके बाद सुबह करीब आठ बजे बाघ को रणथम्भौर से उदयपुर के लिए रवाना किया गया। जानकारी के अनुसार मंगलबार दोपहर करीब डेढ से दो बजे के बीच में वन विभाग की टीम बाघ को लेकर उदयपुर के सज्जनगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क  पहुंची थी। इसके बाद वन विभाग की ओर से बाघ की कई घटों तक पिंजरे में मॉनिटरिंग की गई और बाघ को रात करीब आठ बजे बॉयोलोजिकल पार्क में रिलीज किया गया। वन विभाग से सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बाघ को सज्जनगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क में रात करीब आठ बजे रिलीज किया गया। इसके बाद बाघ करीब रात दस बजे वहां बने एक वाटर हॉल में जाकर पानी में बैठ गया। करीब एक घंटे तक पानी में बैठने के बाद बाघ करीब देर रात 11 बजे के करीब पानी से निकलकर एक जगह पर जाकर बैठ गया। इस दौरान वन विभाग की ओर से बाघ की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही थी। गश्त कर रहे वन कर्मी जब रात करीब रात साढ़े ग्यारह बजे उस स्थान पर वापस आए तब बाघ उन्हें उसी स्थान पर लेटा हुआ नजर आया। इससे वन कर्मियों को अनहोनी होने का शक हुआ। इसके बाद वन कर्मियों ने शोर मचाकर बाघ को उठाने का प्रयास किया, लेकिन बाघ ने कोई मूवमेंट नहीं किया। इसके बाद नजदीक जाने पर पता चला की बाघ की मौत हो चुकी है।  रणथम्भौर से बाघ को सज्जनगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क रवाना करने के बाद बाघ को पूरी तरह से स्वस्थ्य बताया गया था, लेकिन कुछ ही घटों में बाघ की मौत होने से वन विभाग की कार्य प्रणाली पर एक बार फिर से सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि अब तक वन विभाग की ओर से बाघ की मौत के कारणों का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों की माने तो बाघ को ट्रेंकुलाइज करते समय ओवरडोज होना बताया जा रहा है। हालांकि अब तक वन विभाग की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है। मामले को‌ लेकर रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के वनाधिकारियों का कहना है कि
उदयपुर के सज्जनगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क में बाघ टी-104 की मौत की सूचना मिली है। लेकिन उन्हें इस बारे में अधिक जानकारी नहीें है। अधिक जानकारी सज्जनगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क से ही मिल सकती है।