जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

चुनावों में हार का ठीकरा EVM हैक होने, खराब होने का सवाल उठाने वाली कांग्रेस के यूथ विंग के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से हुए चुनाव पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। अब यूथ कांग्रेस का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी ही इस सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के आरोप लगा रहे हैं।

यही नहीं, हर वोट के साथ 50 रुपए यानी 20 लाख वोटर से करीब 10 करोड़ रुपए इकट्ठा करने वाले यूथ कांग्रेस मैनेजमेंट ने 60 प्रतिशत से अधिक वोटों को रिजेक्ट कर दिया। ऐसे में चुनाव में पूरी ताकत झोंकने वाले प्रत्याशियों ने बवाल खड़ा कर दिया है।

प्रत्येक वोट वोटर के पास डाउनलोड किए गए एप के जरिए डाले गए थे। इसमें कितने वोट किसे मिले, किस तरह से रिजेक्ट हुए, इसके राइट्स मैनेजमेंट के चंद नेताओं के पास ही थे। प्रत्याशियों की ओर से यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि एक प्रत्याशी को सबसे ज्यादा वोट दिखाए जाने के लिए यह सब खेल किया गया है। जानकारी में यह भी आया है कि यूथ कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से की गई शिकायत के साथ रि-ऑडिट की डिमांड के बाद अब मैनुअल जांच भी कराई जा सकती है।

आरोप लगे तो प्रत्याशियों को गिना दिए कारण

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से लिखित में शिकायत दर्ज करने वाले कई प्रत्याशियों सहित अन्य प्रत्याशियों ने जब आवाज उठाई तो उन्हें वोटों के रिजेक्शन के कई कारण गिना दिए गए। बताया जा रहा है कि 50 रुपए के साथ एप के जरिए डाले गए वोट में वोटरों के अलग-अलग डॉक्यूमेंट्स में खामियां गिना दी गईं। कहा गया कि वोटर आईडी या फोटो या पहचान पत्र में खामियां हैं, उनके फोटो ठीक से सॉफ्टवेयर में शो नहीं हुए आदि।

परिणाम भी हो सकते हैं प्रभावित

प्रत्याशियों को मैनेजमेंट यानी यूथ कांग्रेस के इलेक्शन कमीशन ने बताया कि रिजल्ट जारी करने से केवल 15 मिनट पहले ही उन्हें रिजल्ट की जानकारी मिलती है। इससे पहले तो वोटों की संख्या भी नहीं पता चलती कि किस प्रत्याशी को कितने वोट मिले, लेकिन परिणाम जारी होने से एक घंटे पहले ही परिणाम वायरल हो जाना शक पैदा करता है। प्रत्याशियों का आरोप है कि यदि चुनाव में सिस्टम की गोपनीयता भंग हो सकती है तो चुनाव परिणाम पर भी सवाल खड़े होते हैं।

पिछले चुनाव में भी हुई थी गड़बड़ी

सीएम को दी शिकायत में प्रत्याशियों ने कहा- वे कांग्रेस की रीति-नीति पर चलने वाले कार्यकर्ता हैं। पिछले चुनाव में भी इस तरह की गड़बड़ी हुई। इसके बावजूद चुनाव प्रक्रिया पर भरोसा करते हुए उन्होंने हिस्सा लिया था, लेकिन इस बार भी ऐसी बातें सामने आई हैं।

विभाग ने कहा- शिकायत मिली थी, हमने संतुष्ट किया

निर्वाचन की जिम्मेदारी संभाल रहे मुकेश राय बोले- वीडियो में ठीक से नहीं बोल पाना, फेक आईडी लगा देना, एक ही आईडी बार-बार प्रयोग में लाना जैसी शिकायतें आई थीं। हमने यहां जांच की तो उन्हें होल्ड पर डाला और जांच की। परिणाम के बाद भी शिकायत आई तो हमने उन्हें संतुष्ट भी किया कि वोट रिजेक्ट क्यों किए गए। अब चुनाव होते हैं तो बहुत सारी बातें होती हैं।