जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

भाजपा ने प्रदेश के सभी बड़े नेताओं को भी संगठन के सबसे छोटे पद पन्ना प्रमुख की जिम्मेदारी दे दी है। उन्हें अपने चुनाव क्षेत्र में पन्ना प्रमुख का कार्य भी करना ही पड़ेगा। इन नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सहित सभी बड़े नेता शामिल हैं।

इनके नामों और बूथ क्षेत्रों की घोषणा 15 मई को की जाएगी। इन सभी नेताओं को अपने मूल मतदान क्षेत्र में अपने वोटर लिस्ट के पन्ने पर अंकित 60 मतदाताओं से सीधा संपर्क करना है। संभवत: संपर्क का पहला चरण 20 मतदाताओं के साथ 30 मई तक शुरू करेंगे। पन्ना प्रमुख को संगठन की सबसे मजबूत कड़ी मानते हुए भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) चंद्रशेखर स्वयं इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही 28 अप्रैल को जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र में शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र की कांट ग्राम पंचायत में पन्ना प्रमुखों के साथ मीटिंग भी की है।

वे जल्द ही प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों के चुनिंदा पन्ना प्रमुखों से मुलाकात करेंगे। करीब छह महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले प्रदेश में 10-12 स्थानों पर पन्ना प्रमुख सम्मेलन भी आयोजित किए जाएंगे। जिनमें राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्‌डा सहित अन्य राष्ट्रीय नेता शामिल होंगे।पन्ना प्रमुख के राज्य प्रभारी विजेन्द्र सिंह पूनिया ने भास्कर को बताया कि भाजपा संभवत: विश्व की अकेली राजनीतिक पार्टी है, जिसके पास कार्यकर्ताओं की ऐसी विशाल सेना है। हर घर तक हमारे कार्यकर्ताओं की पहुंच है। बड़े नेताओं को पन्ना प्रमुख बनाने के पीछे पार्टी की सोच यह है कि पार्टी का यह संदेश हर कार्यकर्ता तक जाना चाहिए कि कार्यकर्ताओं की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। संगठन के लिए चाहे कोई मुख्यमंत्री हो या केन्द्रीय मंत्री वो भी एक कार्यकर्ता ही है। ऐसे में सभी बड़े नेताओं को भी पन्ना प्रमुख बनाया गया है।

इन बड़े नेताओं को यहां बनाया पन्ना प्रमुख

प्रदेश के बड़े नेताओं में सभी सांसदों व विधायकों सहित पदाधिकारी शामिल हैं, जिन्हें पन्ना प्रमुख बनाया गया है। लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला और असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के नामों पर भी पहले विचार किया गया था, लेकिन वे वर्तमान में संवैधानिक पदों पर हैं इसलिए उन्हें इनमें शामिल नहीं किया गया है।

  • प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को चित्तौड़गढ़
  • नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ को चूरू
  • पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को झालरापाटन (झालावाड़)
  • राष्ट्रीय सदस्य अभियान समिति सदस्य डॉ. अरुण चतुर्वेदी को जयपुर
  • केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को जोधपुर
  • केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को जयपुर
  • केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को बायतू (बाड़मेर)
  • उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया को जयपुर
  • सांसद राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ को जयपुर
  • विधायक वासुदेव देवनानी को अजमेर
  • राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी को जयपुर
  • राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा को दौसा
  • कहां से आया यह नाम पन्ना (पेज)

    पन्ने का अर्थ है कागज का एक पृष्ठ जैसे रजिस्टर, कॉपी, डायरी आदि में होता है। इस पन्ने पर एक तरफ 30 और दूसरी तरफ भी 30 मतदाताओं के नाम लिखे जाते हैं। इन नामों के आगे उनके मोबाइल नंबर और घर का पता लिखा होता है। ये नाम-पते उन मतदाताओं के होते हैं, जो किसी मतदान क्षेत्र में प्रत्येक बूथ से संबंधित होते हैं। एक पन्ना प्रमुख के ऊपर उसके पन्ने (पेज) पर लिखे 60 मतदाताओं से निरंतर सम्पर्क करते रहने की जिम्मेदारी होती है। एक मतदान बूथ के तहत करीब 20-22 पन्ना प्रमुख होते हैं। पन्ना प्रमुख उन्हें ही बनाया जाता है, जो उसी क्षेत्र ही नहीं बल्कि उन्हीं 60 लोगों की गली में रहते हों। उन्हीं की ढाणी या बास (मोहल्ले) में रहते हों।

    सुशीलपुरा काॅलोनी (सोडाला-जयपुर) में पन्ना प्रमुख हरिनारायण बैरवा ने भास्कर को बताया कि वर्ष भर मैं अपने पन्ने पर दर्ज 60 लोगों से सम्पर्क रखता हूं। उनके हाल-चाल पूछते हैं, दुख-सुख में साथ निभाते हैं।

    इससे मतदाताओं को भी अच्छा लगता है और पार्टी का विचार व संदेश भी पहुंचता है। मतदाताओं के मूड और मानस की जानकारी संगठन नेतृत्व को पहुंचाने का काम भी हम लोग करते हैं कि पार्टी के किस कदम या फैसले को जनता में क्या रिएक्शन (प्रतिक्रिया) है।

  • 200 विधानसभा सीटों के 52 हजार बूथों में से 38 हजार पर बनाए 10 लाख 50 हजार पन्ना प्रमुख

  • भाजपा ने आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तैयारी के तहत एक-एक मतदाता तक डायरेक्ट अपने कार्यकर्ता को भेजने की रणनीति तय की है। इसके तहत राजस्थान की सभी 200 विधानसभा और 25 लोकसभा सीटों के 52 हजार बूथों में से 38 हजार बूथों के तहत प्रत्येक 60 मतदाताओं पर एक पन्ना प्रमुख बना दिए हैं। अब करीब 14 हजार बूथों के तहत पन्ना प्रमुख बनाना शेष हैं, जिनमें से 4 हजार पर नाम तय कर लिए गए हैं।

    राधाकृष्णन कॉलोनी (भीलवाड़ा) क्षेत्र में पन्ना प्रमुख मुकेश शर्मा देबू ने भास्कर को बताया कि ऐसा कोई मतदाता शेष नहीं है, जिससे भाजपा के किसी न किसी कार्यकर्ता ने संपर्क नहीं किया हो। यह पन्ना प्रमुखों व अन्य कार्यकर्ताओं की मेहनत ही है। भीलवाड़ा में भाजपा लगातार चार चुनाव जीत चुकी है, हाल ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भीलवाड़ा आए तो वे भी इस बात की सराहना किए बिना नहीं रहे। हाल ही हमने व हमारी टीम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को अपने पन्ने पर दर्ज 60 लोगों के बीच ही रेडियो पर सुना था।

    केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी हैं अहमदाबाद में पन्ना प्रमुख

    भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह स्वयं भी पन्ना प्रमुख हैं। वे अपने गृह क्षेत्र नारनपुरा (अहमदाबाद) में पन्ना प्रमुख हैं। वे अपने बूथ नंबर 38 के वार्ड नंबर 10 (शिवकुंज समाज) के पन्ना प्रमुख हैं। शाह इस जिम्मेदारी को दिसंबर-2020 से निभा रहे हैं। शाह ने हाल ही देश के कई हिस्सों में अपनी सभाओं में पन्ना प्रमुखों को संगठन की महत्वपूर्ण इकाई बताया है।

    संगठन की पहुंच प्रत्येक मतदाता तक

    भाजपा की राष्ट्रीय सदस्य अभियान समिति के सदस्य डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने भास्कर को बताया कि पन्ना प्रमुख अत्यंत मजबूत पद है। संगठन को इनके जरिए बूथ लेवल से भी बहुत नीचे प्रत्येक मतदाता तक (माइक्रो मैनेजमेंट) पहुंच मिली है। केवल चुनाव ही लक्ष्य नहीं है, बल्कि प्रत्येक मतदाता से जीवंत सम्पर्क निरंतर बना रहे। इसके लिए पन्ना प्रमुख अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।

    भीलवाड़ा से लगातार तीसरी बार विधायक विठ्‌ठल शंकर अवस्थी (भाजपा) ने बताया कि हाल ही गुजरात चुनावों में ड्यूटी निभाने के दौरान पन्ना प्रमुख लोगों की मेहनत को देखने का अवसर मिला था। गुजरात में संगठन को ऐतिहासिक जीत मिली है। राजस्थान में भी लाखों पन्ना प्रमुख पार्टी को हर घर तक पहुंच दे रहे हैं। मतदाताओं को भी उनके माध्यम से यह लगता है कि उनकी पहुंच भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व तक है।

    सुषमा सोबती का कहना है कि हम लोग क्षेत्र में 60 मतदाताओं के निरंतर सम्पर्क में रहते हैं। लगभग 10 से 15 परिवारों से सीधा जुड़ाव रहता है। भाजपा की नीतियों और केन्द्र सरकार की योजनाओं को उन तक पहुंचाते हैं। उनकी कोई शिकायत हो या मांग हो तो उससे पार्टी नेतृत्व को अवगत करवाते हैं। पन्ना प्रमुख संगठन की सबसे छोटी इकाई है, लेकिन इसी से संगठन की पहुंच हर घर तक संभव हुई है।