श्रीगंगानगर - राकेश शर्मा
खरीफ फसलों की बिजाई के लिए भाखड़़ा नहर में 1250 क्यूसेक सिंचाई पानी शीघ्र देने की माँग मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर की गई है। एडवोकेट मुकेश गोदारा ने कहा है कि मुख्यमंत्री तथा सिंचाई विभाग के अधिकारी हठधर्मिता छोडक़र भाखड़ा नहर में साढ़े बारह सौ क्यूसेक पानी जल्द उपलब्ध करवाएं, क्योंकि सिंचाई पानी के बिना क्षेत्र के किसान खरीफ फसलों की बिजाई नहीं कर पा रहे हैं। राज्य की कांग्रेस सरकार किसानों के हितों पर कुठाराघात कर रही है तथा भाखड़ा नहर के किसानों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। भाखड़ा नहर को निर्धारित 1812 क्यूसेक पानी की बजाय मात्र 1200 क्यूसेक पानी ही दिया जाता रहा है तथा अब इससे भी वंचित रखा जा रहा है। इससे खरीफ फसल नरमा-कपास व ग्वार की बिजाई नहीं होने से क्षेत्र के काश्तकारों को भारी आर्थिक एवं मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जबकि क्षेत्र का किसान पहले से ही पाला, अतिवृष्टि व मौसम की मार झेल रहा है तथा राज्य सरकार से भी उचित मुआवजा नहीं मिलने से उसकी आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय है। 
एडवोकेट मुकेश गोदारा ने कहा कि गत वर्ष सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता ने भाखड़ा नहर क्षेत्र के किसानों के साथ लिखित समझौता किया था कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना में बंदी के दौरान सरहिंद फीडर से 850 क्यूसेक पानी दिया जाएगा, लेकिन अब इस समझौते की अवहेलना करके किसानों का उत्पीड़ऩ किया जा रहा है। नहरी पानी के बिना अन्नदाता किसानों की हालत बहुत अधिक खराब हो जाएगी, क्योंकि खरीफ की फसल किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करती है। अगर शीघ्र पूरा पानी नहीं मिला तो भाखड़ा नहर क्षेत्र के किसानों को असहनीय आर्थिक संकट झेलना पड़ेगा।
एडवोकेट मुकेश गोदारा ने कहा कि कड़े शब्दों में कहा है कि राज्य सरकार व सिंचाई विभाग के इस मनमाने रवैये को किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। भाखड़ा क्षेत्र के काश्तकार पूरा सिंचाई पानी देने के लिए लम्बे समय से धरने पर बैठे हैं तथा शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही नहीं होने पर विशाल आंदोलन किया जाएगा, जिसकी समस्त जिम्मेवारी सिंचाई विभाग व राज्य सरकार की होगी।