जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रचार का शोर थमने से पहले राजस्थान की सियासत में उठा तूफान और बढ़ता दिख रहा है। सचिन पायलट गुट और भाजपा नेताओं पर सीएम अशोक गहलोत ने 10-10 करोड़ के लेन-देन का खुला आरोप लगाया है। एक दिन पहले ही सीएम ने धौलपुर में एक सभा के दौरान सचिन पायलट कैंप पर बगावत के वक्त बीजेपी से करोड़ों रुपए लेने का आरोप दोहराया है। साथ ही, अमित शाह को पैसा वापस लौटाने की सलाह दी है। रविवार को धौलपुर के राजाखेड़ा के पास महंगाई राहत कैंप की सभा में गहलोत ने कहा था- उस वक्त हमारे विधायकों को 10 से 20 करोड़ बांटा गया। वह पैसा अमित शाह को वापस लौटा देना चाहिए।

इधर, इन आरोपों के बाद एक बार फिर से कांग्रेस में अंदरूनी बगावत शुरू होने के संकेत दे दिए हैं।कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी सप्ताह प्रदेश के दौरे पर आने वाले हें। इस बीच, भास्कर ने जनता के मन में उठ रहे सवालों के जवाब जानने की कोशिश की कि 10-10 करोड़ रुपए के लेन-देन का आखिर सच क्या है ?

विधानसभा चुनाव से 6 महीने पहले सीएम ने सीधा हमला क्यों बोला ? इसके लिए उन्होंने धौलपुर ही क्यों चुना, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की तारीफ क्यों की ? गहलोत के सीधे-करारे हमले के बावजूद सचिन पायलट अभी मौन क्यों हैं ? क्या विधायकों ने पैसे लिए हैं ?