जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

उदयपुर में दलाल द्वारा यूडीएच के पूर्व प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा व मनीष गोयल का नाम लेने व एफआईआर में दोनों अफसरों के नाम शामिल करने के बाद से पिछले 10 दिन से यूडीएच की अधिकांश फाइलें रुकी हुई थी। कुंजीलाल मीणा खुद ही विवाद से बचने के लिए फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे थे। हालांकि अंदरखाने बताया जा रहा है कि एसीबी की कार्रवाई के दिन ही उनको संकेत मिल गए थे कि कोई फाइल निकालने से पूर्व एसीएस जी एस संधु, निष्काम दिवाकर और ओंकारमल सेनी की तरह विवादों में फंस सकते हैं। इस कारण वे बचते रहे। 15 मई को ट्रांसफर के दिन उन्होंने अपना अंतिम एक आदेश हस्ताक्षर से जारी किया।

कब्जे की जमीन अधिकतम 300 वर्गमीटर तक डीएलसी की 10% से दे सकेंगे
कुंजीलाल मीणा और डॉ. जोगाराम के हस्ताक्षर से 15 मई को आदेश जारी किया गया। मूल भूखंड के स्वामी को भूखंड से अधिक कब्जे की जमीन के आवंटन से संबंधित इस आदेश से भी हालांकि विवाद हो सकता है। लेकिन आदेश के अनुसार मूल भूखंड के अतिरिक्त कब्जे की भूमि का क्षेत्रफल कुल का 10 प्रतिशत या 300 वर्गमीटर तक में जो भी कम हो,उसका आवंटन किया जा सकेगा। इसकी राशि आरक्षित दर की 10 प्रतिशत या डीएलसी दर की 10 प्रतिशत में जो भी कम हो, वसूली जाएगी।

यूडीएच में स्थाई अफसर नहीं, स्वायत्त शासन सचिव की ज्वाइनिंग : नई तबादला सूची के बाद यूडीएच में अब स्थाई प्रमुख सचिव या एसीएस नहीं हैं। कार्यवाहक प्रभार चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव टी रविकांत को दिया है। वहीं दूसरी ओर महेश चंद्र शर्मा ने स्वायत्त शासन विभाग के सचिव का पद भार संभाल लिया। सचिव से जेडीए कमिश्नर बनाए गए डाॅ. जोगाराम ने बुधवार को जेडीसी का कार्यभार भी संभाल लिया।

कन्वर्जन की 150 फाइलें जब्त कीं
उदयपुर में पकड़े गए दलाल लोकेश जैन के घर से 150 फाइलें जब्त की हैं। ये फाइलें लैंड कन्वर्जन से जुड़ी बताई जा रही हैं। यूडीएच के पूर्व प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा और संयुक्त सचिव मनीष गोयल के नाम भी एफआईआर में शामिल हैं। अब विभाग में स्थाई अफसर ही नहीं हैं। मामला आगे बढ़ा तो सीधा दबाव यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल पर आएगा। दूसरी तरफ यूडीएच के संयुक्त सचिव मनीष गोयल अभी कार्य कर रहे हैं। उनका क्या करना है, इसका फैसला भी लेना है।