उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में रणथंभौर के सबसे खूंखार टाइगर टी-104 की मौत उसके फेफड़ों में संक्रमण की वजह से हुई है। पूरे मामले में टाइगर की मौत का कारण वन विभाग की घोर लापरवाही माना जा रहा है। सबसे हैरानी वाली बात ये है कि टाइगर की मौत से पहले वन विभाग को कोई खेर खबर नहीं थी कि टाइगर को फेफड़ों में संक्रमण भी है। रणथंभौर से उदयपुर शिफ्ट करने से पहले टाइगर की मेडिकल जांच में महज औपचारिकता निभाई गई।

इस मामले में रणथंभौर डीएफओ मोहित गुप्ता का कहना है कि हमने ट्रेंकुलाइज के बाद टाइगर का वजन, लंबाई-चौड़ाई और टेम्प्रेचर चेक किया था लेकिन टाइगर को अंदरूनी रूप से चेक नहीं किया। इसलिए फेफड़ों में संक्रमण में पता नहीं लगा। वहीं, उदयपुर डीएफओ अजय चित्तौड़ा ने पोस्टमार्टम जांच के बाद टाइगर के फेफड़ों में संक्रमण होने की पुष्टि की है। चित्तौड़ा ने कहा कि ये संक्रमण अचानक नहीं हुआ है, धीरे-धीरे इसके शरीर में फैला है।

ट्रेंकुलाइज करने बाद महज 24 घंटे के अंदर हुई मौत
चीकू के नाम से पुकारे जाने वाले टाइगर टी-104 की मौत उसे ट्रेंकुलाइज करने के बाद महज 24 घंटे के भीतर हो गई। रणथंभौर से टाइगर को मंगलवार सुबह 6ः35 बजे ट्रेंकुलाइज किया था। इसके बाद सुबह 8 बजे रणथंभौर से एसी वाहन में उदयपुर के लिए उसे रवाना किया। मंगलवार की शाम करीब 7ः40 बजे टाइगर को उदयपुर के बायोलॉजिकल पार्क में छोड़ा गया था। उसने पानी पीया और पॉन्ड में जाकर पानी में बैठ गया। रात करीब 12 बजे उसकी मौत हो गई।

वन विभाग के कर्मचारी ने सुबह 6 बजे उसे देखा को टाइगर कोई हलचल नहीं कर रहा था, उसने रेंजर को बुलाया, फिर भी टाइगर के हलचल नहीं होने पर वन विभाग के अफसर सुबह ही बायोलॉजिकल पार्क पहुंच गए।

4 डॉक्टर्स की टीम ने किया पोस्टमार्टम, सैम्पल बरेली-अहमदाबाद भेजे
उदयपुर डीएफओ अजय चित्तौड़ा ने बताया कि पशुचिकित्सालय की टीम ने टाइगर का पोस्टमार्टम किया। उसके बाद टाइगर का अंतिम संस्कार किया गया। पोस्टमार्टम टीम में डॉ कमलेन्द्र प्रताप, डॉ हंसकुमार जैन, डॉ हिमांशु व्यास और डॉ सविता मीणा शामिल थीं। जिन्होंने प्राथमिक जांच में टाइगर के फेफड़ों में संक्रमण होने की पुष्टि की है। जांच के लिए सैम्पल और बरेली और हैदराबाद लैब में भेजे गए हैं। जहां से रिपोर्ट आने पर इसकी सही तरह से मौत के स्पष्ट कारणों का पता लग सकेगा।

राजस्थान में महज 100 के पार है टाइगर की संख्या
वर्ष 2022 की स्थिति के अनुसार देश में टाइगर की संख्या 3167 हो गई है। साल 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में टाइगर की संख्या 2967 थी। पिछले 5 साल में देशभर में टाइगर की संख्या में इजाफा हुआ। जिसमें राजस्थान में टाइगर्स की संख्या 100 से ज्यादा है। इनमें सबसे ज्यादा संख्या सवाई माधोपुर के रणथंभौर नेशनल सेंचुरी में है। फिर अलवर में सरिस्कार और कोटा में मुंकुुदरा हिल्स मे टाइगर सेंचुरी मेें टाइगर हैं।