भरतपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जयपुर में सोमवार को ओबीसी आयोग के दफ्तर में भरतपुर के सैनी आरक्षण संघर्ष समिति का 21 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने 12 परसेंट आरक्षण की मांग को लेकर आयोग के अध्यक्ष जस्टिस भवरू खान से वार्ता की। वार्ता सकारात्मक रहने की बात कही गई है।

सैनी आरक्षण मामले में OBC आयोग से वार्ता के बाद प्रतिनिधिन मंडल के लोग भरतपुर में नेशनल हाईवे-21 पर अरोदा में चल रहे धरना स्थल के लिए रवाना हुए। वहां जाकर आयोग की ओर से जिला कलेक्टरों के लिए जारी हुआ पत्र दिखाया जाएगा। इसके बाद फैसला होगा कि हाईवे से आंदोलनकारी हटेंगे या बैठे रहेंगे।

आयोग ने दिखाया सकारात्मक रुख

प्रतिनिधि मंडल ने लिखित में आश्वासन चाहा था। आयोग अध्यक्ष भवरू खान ने जिला कलेक्टरों के नाम जारी लेटर देकर प्रतिनिधि मंडल का आश्वस्त किया। आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने वार्ता के बाद कहा कि मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों सैनी, माली, कुशवाह, शाक्य, काछी जातियों के आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक सर्वे के लिए पिछड़ा आयोग को चिट्‌ठी लिखी थी।

आयोग के अध्यक्ष के साथ 1 मई को वार्ता निर्धारित थी। सोमवार को आयोग अध्यक्ष ने राजस्थान के सभी जिलों के कलेक्टर के नाम चिट्‌ठी जारी कर माली समाज की आर्थिक सामाजिक राजनीतिक स्थिति की 10 दिन में रिपोर्ट मांगी है।

10 दिन में सभी जिलों के कलेक्टर सर्वे रिपोर्ट को ओबीसी आयोग, जयपुर भेजेंगे। इसके बाद आयोग की तरफ से रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। सरकार उस रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण को लेकर फैसला करेगी। हमें ओबीसी आयोग से आश्वासन मिल गया है। अब आंदोलन स्थल से आगे की रणनीति का ऐलान करेंगे।

सैनी ने कहा कि समाज नवंबर 2013 से आरक्षण की मांग कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग ने जिला कलेक्टरों को सर्वे के लिए 15 दिन देने का समय मांगा था, लेकिन हमारी आपत्ति के बाद 10 दिन का समय दिया गया है। जिला कलेक्टरों से रिपोर्ट मिलने के बाद आयोग एक महीने में रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगा।

जयपुर में ओबीसी आयोग से मिलने वाले सदस्यों में 10 लोग माली-सैनी समाज से थे, बाकी 11 वकील थे। भरतपुर में आरक्षण की मांग पर माली-सैनी समाज 11 दिन से नेशनल हाईवे-21 को रोककर बैठा है। आज ही नेशनल हाईवे खाली करने को लेकर ऐलान किया जा सकता है।

बता दें कि इससे पहले 25 अप्रैल को फुले आरक्षण संघर्ष समिति के लोग सीएम गहलोत से मुख्यमंत्री आवास पर मिले थे। जहां तय किया गया था कि 1 मई संघर्ष समिति के लोग सीएम से वार्ता करेंगे, इसके अलावा आंदोलनकारियों ने कहा था कि जब तक आरक्षण पर काम शुरू नहीं होगा तब तक वह हाईवे को नहीं छोड़ेंगे।