करौली ब्यूरो रिपोर्ट। 

कैलाशनगर स्थित कृषि उपज मंडी में किसानों से उपज खरीदने के लिए शुरू किए गए समर्थन मूल्य के कांटों पर बिक्री करने के प्रति किसानों का कम ही रुझान है। इसका कारण है समर्थन मूल्य से बाजार भाव के 200 से 300 रुपए तक ही कम होना है। यही वजह है कि एक महीने देरी से 5 मई से शुरू हुए समर्थन मूल्य के कांटों पर 15 मई तक 10 दिनों में केवल 85 किसानों ने ही 1866 क्विंटल सरसों व 19 किसानों ने ही 386 क्विंटल चना की बिक्री है। जबकि गेहूं बेचने के प्रति किसानों ने रुचि नहीं दिखाई और गेहूं की खरीद शुरू ही नहीं की गई। अब तक समर्थन मूल्य पर उपज बिक्री के लिए 700 किसानों की ओर से रजिस्ट्रेशन कराया जा चुका है।

सरकार की ओर से प्रदेशभर में एक अप्रैल से समर्थन मूल्य पर किसानों की उपज खरीदने के लिए समर्थन मूल्य पर कांटे लगाए जाने की घोषणा की गई थी, लेकिन कई मंडियों में हैंडलिंग व परिवहन के टेंडर नहीं होने से समय पर समर्थन मूल्य पर खरीद प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। हिंडौन में 35 दिन देरी से 5 मई से समर्थन मूल्य पर चार कांटे लगाकर सरसों व चना की खरीद शुए की गई। समर्थन मूल्य में गेहूं की कीमत 2125 रुपए निर्धारित रखी गई। जबकि कृषि उपज मंडी में ही गेहूं 2030 से 2100 के भाव में खरीदे जा रहे है। ऐसे में गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी ही शुरू नहीं की जा सकी।

क्रय विक्रय सहकारी समिति के सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने बताया की समर्थन मूल्य में गेहूं की कीमत 2125 रुपए प्रति क्विंटल,सरसों की 5450 व चना की 5335 रुपए प्रति क्विंटल है। जबकि बाजार में खुले में सरसों 5 हजार से 5100 व चना 4900 से 5100 तक खरीदा जा रहा है। ऐसे में अधिकतर किसान समर्थन मूल्य के कांटे पर उपज बेचने के बजाय खुले में बेचना पसंद कर रहे हैं। क्योंकि खुले में उपज का रुपया हाथों हाथ मिल जाता है। जबकि समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के एक सप्ताह के अंदर रुपए अकाउंट में आते हैं।

रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी चने की नहीं हो रही तुलाई

नादौती समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र पर चना का बैरदाना समाप्त हुए 9 दिन हो गए है। अभी तक राजफेड द्वारा बारदाना नहीं भेजे जाने से जिन किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है, उनकी तुलाई का कार्य बंद पड़ा हुआ है। नादौती खरीद केन्द्र पर चना बेचने लिए निर्धारित लक्ष्य 170 किसान के रजिस्ट्रेशन पूर्ण हो चुका है। इस वजह से चना बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी बंद हैं। सरसों बेचने के लिए ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन का कार्य जारी है।