जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

स्पोट्‌र्स काउंसिल ने महज 6 हजार पास के लिए सवाई मानसिंह स्टेडियम फ्री में आईपीएल मैच के लिए दे दिया। नियमानुसार इन मैच के एवज में 1 करोड़ रुपए काउंसिल को मिलने थे, जबकि अन्य किसी आयोजन से पहले काउंसिल पूरी फीस लेता है, जबकि मैच के दौरान 5 बार से ज्यादा विरोध हुआ।

काउंसिल ने एक बार भी जहमत नहीं उठाई कि इन पर कार्रवाई करें। हैंडबॉल, तीरंदाजी और फुटबॉल ग्राउंड को 6 लाख में किराए पर दिया गया। इस फीस से मैच के बाद इन्हें ठीक कराया जाता, यह पैसा भी काउंसिल को नहीं मिला। राजस्थान रॉयल्स की ओर से अस्थाई निर्माण के लिए केवल 15 लाख जमा होने का दावा मुख्य खेल अधिकारी विरेंद्र पूनिया ने खेल मंत्री के विरोध के बाद किया था।

पास के चलते एक बार भी नहीं हुआ विरोध
क्रीड़ा परिषद के कर्मचारियों को पास कम मिले तो उन्होंने विरोध स्वरूप पास जला दिए। इसके बाद दो मैच में दो-दो पास मिल गए, लेकिन किसी भी अधिकारी कर्मचारी ने इसका विरोध नहीं किया। इस दौरान राजीव खन्ना ने पास का गणित समझाया था। इस दौरान इनकम टैक्स ने भी आरसीए पर कार्रवाई की थी। वहीं, 10 करोड़ रुपए जमा कराने की बात सामने आई थी।

ऐसे समझें फीस व पास का गणित
शर्त के अनुसार क्रीड़ा परिषद को प्रति मैच 20 लाख रुपए दिए जाने थे, लेकिन इसके बदले प्रति मैच क्रीड़ा परिषद, खेल विभाग को 1200 पास दिए गए। इसमें 600 पास खेल मंत्री अशोक चांदना को और 600 चेयरमैन कृष्णा पूनिया को दिए गए। इसके अलावा कई बाहरी लोगों के एक्रीडेशन पास तक बनाए गए। जिन्होंने अपने सोशल मीडिया पर शेयर भी किया है। क्रीड़ा परिषद के सचिव जीएल शर्मा ने बताया कि नोटिस दिए थे, लेकिन कोई फीस नहीं मिली है।