जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

राजस्थान सरकार ने जोधपुर विकास प्राधिकरण के कमिश्नर आरएएस अधिकारी नवनीत कुमार को एपीओ कर दिया है। इसके दो कारण बताए जा रहे हैं पहला पाकिस्तान तो के मकानों पर बुलडोजर चलाना जो राष्ट्रीय स्तर पर मुद्दा बना और दूसरा एम्स के पास स्थित धर्मार्थ के लिए दी गई जमीन में धोखाधड़ी होना।

नवनीत कुमार ने अभी 6 महीने पहले ही जेडीए जोधपुर में कमिश्नर का पदभार संभाला। बीती रात को राज्य सरकार ने उनके एपीओ ऑर्डर जारी कर उनका मुख्यालय कार्मिक विभाग में रखा है। इससे पहले भी वे अपने कार्यकाल में तीन बार एपीओ रह चुके हैं। हाल ही में धर्मार्थ से जुड़ी जमीन के बेचान मामले और पाक विस्थापितों के अतिक्रमण को हटाने के मामले में उन पर सवाल खड़े हुए हैं।

धर्मार्थ जमीन बेचने के मामले में जेडीए की किरकिरी

एम्स के समीप धर्मार्थ की जमीन को कागजों में बेचने के मामले में जेडीए की सबसे ज्यादा किरकिरी हुई। इस मामले का खुलासा सबसे पहले दैनिक भास्कर ने किया था। 56 बीघा यह जमीन 54 साल पहले आयुर्वेदिक औषधालय के नाम से सरकार से निशुल्क हासिल की गई थी।

फिर इस जमीन को अकृषि में परिवर्तन करने के बाद सरकार से अनुमति लेकर इसे बेचने का खेल शुरू हो गया। इस मामले में जीडीए के एक उपायुक्त को सस्पेंड किया जा चुका है।

पाक विस्थापितों को हटाना राष्ट्रीय मुद्दा बना

इधर चौखा में राजीव नगर कॉलोनी में अवैध रूप से कब्जा कर बैठे पाक विस्थापितों को हटाना राष्ट्रीय मुद्दा बन गया। इसे पाकिस्तान में कष्ट झेल कराए हिंदू विस्थापितों के साथ ज्यादती बताई गई। हालांकि यह पूरा मामला कुछ लोगों द्वारा पाक विस्थापितों से ठगी करने का सामने आया है।