जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

कांग्रेस में चार दिनों से चल रहे फीडबैक में एक बार फिर गुटबाजी और मानसेर वाले घटनाक्रम को जिंदा कर दिया है। फीडबैक में प्रदेशाध्यक्ष की ओर से मानेसर वाले मुद्दे का जिक्र करने के बाद अब पायलट समर्थक मंत्री भी एक बार फिर खुलकर सामने आ चुके हैं। अब मंत्री मुरारीलाल मीणा ने मानेसर वाले तंज और राम प्रसाद मीणा सुसाइड केस में डोटासरा और मंत्री महेश जोशी दोनों पर निशाना साधा है।

दरअसल, 17 से 20 अप्रैल तक जयपुर में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटसरा और सीएम अशोक गहलोत द्वारा सभी संभाग को लेकर विधायकों से वन टू वन किया जा रहा था। 20 अप्रैल गुरुवार को अंतिम चरण में जयपुर संभाग का फीडबैक था। फीडबैक खत्म होने के बाद मंत्री मुरारीलाल मीणा वाॅर रूम पहुंचे और मीडिया से बातचीत करते हुए बोले- अभी मानेसर भूले नहीं क्या? मानेसर जाकर हमने क्या कर दिया। हाईकमान से मिलने गए थे, मिलकर अपनी बात रख आए। इसके बाद तो हम मंत्री बन गए भाई। अब कहां बीच में है मानेसर।

दरअसल, कांग्रेस फीडबैक बैठक के पहले दिन प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पायलट समर्थक विधायक हरीश मीणा के बारे में उनके सामने प्रभारी सुखजिंदर रंधावा से यह जिक्र किया था कि ये मानेसर जाने वालों में हैं। इस पर हरीश मीणा ने भी डोटासरा पर पलटवार करते हुए इसे गलत बताया था। अब मुरारी मीणा ने खुलकर मानेसर पर बयान देकर उस विवाद को फिर ताजा कर दिया।

रामप्रसाद सुसाइड से आदिवासी-मीणा वोटों का नुकसान
मंत्री महेश जोशी सहित आठ लोगों पर परेशान करने का आरोप लगाकर आत्महत्या करने वाले रामप्रसाद मीणा पर कांग्रेस के भीतर ही अब सवाल उठने लगे हैं। मुरारीलाल मीणा ने खुलकर कहा है कि रामप्रसाद की आत्महत्या से कांग्रेस को एसटी वोटों का नुकसान होगा और एक घटना सब कामों और योजनाओं पर पानी फेर देती है। मरते वक्त आदमी झूठ नहीं बोलता है। लोग हमें कह रहे हैं एक एसटी के व्यक्ति को इस तरह मार दिया तुम सरकार में बैठे क्या कर रहे हो?

वे बोले- अभी हाल ही में जो रामप्रसाद वाली घटना हुई है, वह आदिवासी समाज से ताल्लुक रखता है। आदिवासी वोट कांग्रेस के हैं। एक आदिवासी व्यक्ति की जिस तरह से मौत हुई है, तीन दिन से लाश पड़ी है। मैंने फीडबैक में व्यक्तिगत बोला है कि इसका समाधान तुरंत किया जाए। महेश जोशी हों या बड़े महेश जी हों, इस तरह की घटनाओं से पार्टी का बहुत बड़ा नुकसान होता है। एक घटना ऐसी हो जाती है जो हमारी सारी योजनाओं पर पानी फेर देती है। इसका तुरंत समाधान होना चाहिए। सीएम ने रामप्रसाद मामले में जल्द समाधान करने की बात कही है।

लोग हमसे कह रहे हैं तुम सरकार में बैठे क्या कर रहे हो?

महेश जोशी के इस्तीफे पर मुरारीलाल मीणा ने कहा कि यह तो उनके खुद की आत्मा की आवाज और विवेक पर है। राजनीति में जातीय समीकरण बहुत हावी रहते हैं, उनसे कोई नकार नहीं सकता। पूर्वी राजस्थान में बहुत बड़ी जनसंख्या है एसटी समुदाय की।

हमारे ऊपर खुद पर दबाव आ रहा है कि तुम सरकार में बैठे-बैठे क्या कर रहे हो, एसटी के एक आदमी को इस तरह मार दिया। मैं जहां तक समझता हूं, मरते टाइम आदमी झूठ नहीं बोलता। रामप्रसाद के जो वीडियो, ऑडियो हैं, उनकी जांच होनी चाहिए। इसमें कोई कितना ही बड़ा आदमी शामिल क्यों न हो, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

अकेले विकास से नहीं जीत पाएंगे और चीजों को भी बैलेंस करना पड़ेगा

मुरारीलाल मीणा ने कहा कि जातीय समीकरण बहुत हावी हैं। विकास के फायदे होते हैं, लेकिन मेरा जहां तक व्यक्तिगत आइडिया है और 10 चीजें ऐसी होती है जिनका सामंजस्य बैठाना पड़ता है। तब जाकर चुनाव जीतने का सौ फीसदी चांस बनता है। विकास के साथ हमें और चीजों को भी बैलेंस करना पड़ेगा। जातीय समीकरण होते हैं। व्यक्तिगत व्यवहार के वोट होते हैं, पार्टी के वोट होते हैं। टिकट के समीकरण के और एक दूसरे को हराने के वोट होते हैं। चुनाव में इन 10 तरह के फैक्टर्स में जो जितनों को बैलेंस कर लेता है वह चुनाव जीत जाता है।

2013 में मीणा वोट राजपा में जाने से कांग्रेस 21 पर सिमटी
मुरारीलाल ने कहा- विकास के काम बहुत हुए हैं, लेकिन जीतने के लिए आठ दस तरह तरह की बातें होती हैं, उन सभी बातों पर काम करना पड़ेगा। बैलेंस बनाना पड़ेगा। काम अच्छे हुए हैं। सरकारी योजनाएं सारी अच्छी हैं लेकिन कई तरह के वोटिंग पैटर्न होते हैं। मैं खुद पांच चुनाव लड चुका हूं, जब सारे समीकरणों को बैलेंस कर लेता हूं तो चुनाव जीत जाता हूं।

दौसा जैसी जगह जहां कांग्रेस 35 साल में नहीं जीती, वहां मैं 51 हजार से जीता था। बांदीकुई से बसपा से नंबर वन जीता था, जितना हम बैलेंस कर लेंगे उतना जीत लेंगे। जातिगत समीकरण जितने बैलेंस कर लेंगे उससे ही जीत हार तय होगी। 2013 में कांग्रस की हार का सबसे बड़ा कारण क्या था? किरोड़ीलाल मीणा ने राजपा बना ली,मीणा परंपरागत वोट कांग्रेस का है और वह राजपा में चला गया, हम 21 सीटों पर सिमट गए।