जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

रंग मस्ताने संस्था रंगमण्डल की ओर से मशहूर साहित्यगारगिरीश कर्नाड लिखित नाटक रक्तकल्याण का मंचन किया गया। नाटक का निर्देशन हाल ही में संगीत नाटक अकादमी से पुरस्कृत युवा रंगकर्मी अभिषेक मुद्गल ने किया। गिरीश कर्नाड लिखित बहुचर्चित नाटक रक्तकल्याण 12वी शताब्दी में जन्मे लिंगायत समुदाय के गुरु श्री बसवन्ना की कहानी कहता है। गौरतलब है की नाटक को साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिल चुका है ।

यह नाटक 1990 के विवादित वर्ष में लिखा गया था जब मंदिर-मस्जिद और मंडल की राजनीति में भारत की गलतियां खुल गईं और कश्मीर का मुद्दा भी भड़क उठा। यह अभी भी एक संस्कृति पर एक समकालीन कदम है जो सांस्कृतिक या कॉर्पोरेट प्रभुत्व के दोषपूर्ण मॉडल के आधार पर दूसरों पर कुछ विशेषाधिकार देता है। जो देश को एक मोनो-सांस्कृतिक इकाई बनाने की कोशिश करता है।

नाटक इस नोट पर एक चेतावनी घंटी के रूप में समाप्त होता है कि हमें सत्ता में उन लोगों के हेरफेर के प्रति सतर्क रहना चाहिए जो हमें उनकी विचारधाराओं को गुलाम बनाना चाहते हैं।

मंच पर

श्वेता चौलगाय खत्री, सरगम भटनागर, राहुल पारीक, हिमांशु जैन, अमित चौधरी, सुधांशु शुक्ला, प्रांजल उपाध्याय, देव स्वामी, शिखा सक्सैना, उज्जवल उपमन, किशोर ठाकुर, प्रीतम सिंह, अक्षय खोड़ा, राहुल निर्वाण, निखिल जैन, खुशी गोस्वामी, विवेक जाखड़, श्योजित कुमार, प्रेम बोकालिया, यशवर्धन सिंह चारण, खुशबू बसंदानी, लखन कुमार, मनीष राठौड़, सुशांत कृष्णात्रेय, प्रवीण कुमार ने अभिनय किया।