जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

सफाई कर्मी यूनियन और सरकार के बीच शुक्रवार को पांच बिंदुओं पर सहमति बन गई है। इसमें प्रमुख है भर्ती में 2013 के बिंदू संख्या 13 भी शामिल किया जाना। इसके बाद शहर में चार दिन से चल रही सफाई कर्मियों की हड़ताल आखिरकार टूट गई। कर्मी रात में काम पर लौट भी आए। हालांकि, जिन बिंदुओं पर सहमति बनी है उन्हीं पर दो दिन पूर्व राज्य सफाई कर्मचारी आयोग की बैठक में सरकार ने सहमति जताई थी, लेकिन हड़ताल नहीं टूटी थी। इस बैठक में चेयरमैन दीपक डंडोरिया ने बताया कि हमने वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग सरकार के सामने रखी थी, अब यूनियनों के साथ चली बैठक में सहमति बनी है। इसके साथ ही 15 हजार सफाई कर्मचारी फिर से शहर की सड़कों पर दिखेंगे। शहर में चारों तरफ फैले कचरे को उठाने में तीन से चार दिन का समय लग सकता है।

बिंदू संख्या 13 के तहत पहले चरण में 20 हजार, दूसरे में 10 हजार भर्तियां
चयन कुल 30 हजार पदों के लिए होना है। पहले चयन में सामान्य व अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों के 20 हजार पदों पर भर्ती होगी। जिनके आरक्षण का प्रतिशत क्रमश: 50 सामान्य व 16 (अनुसूचित जाति) बनता है। इन दोनों वर्गों के पदों (66 प्रतिशत) के विरूद्ध परम्परागत सफाई कार्य जिसमें रोड स्वीपिंग, सीवरेज सफाई, नाला-नाली सफाई, कचरा संग्रहण व परिवहन और मृत पशुओं के निस्तारण आदि से जुड़े परिवारों के अभ्यर्थियों यथा वाल्मीकि व हैला समाज के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता मिलेगी। 10 हजार पदों पर अन्य वर्गों की भर्ती दूसरे चरण में होगी। इस तरह पहले चरण में 20 हजार, दूसरे चरण में 10 हजार भर्तियां होंगीं।

क्या ये ठीक बात है कि हमारे आसपास की गलियां इतनी गंदी हों... हमारे घर चाहे जैसे बने हों, गलियां टेढ़ी-मेढ़ी और संकरी हों... यहां सफाई के नमूने न हों तो स्वराज्य कैसा? -गांधीजी द्वारा वाराणसी में 6 फरवरी, 1916 को दिए गए भाषण के अंश

इन 5 बिंदुओं पर बनी सहमति
वार्ता शाम शाम 6:15 बजे शुरू हुई। सभी के फोन बंद करा दिए गए। वार्ता करीब दो घंटे तक चली। इस दौरान सफाई कर्मियों की ओर से सुरेश कल्याणी ने सरकार के प्रतिनिधियों से कहा कि आप हड़ताल जितनी लंबी चाहे खींच सकते हैं। इसके बाद अधिकारियों ने कहा कि शहर आपका है, इसकी सफाई भी आपको ही करना है। तभी सफाई संगठन के नंद किशोर डंडोरिया ने 100 फीसदी आरक्षण की मांग दोहराई, साथ ही इसके लिए उन्होंने तर्क दिया कि यह काम वाल्मीकि समाज करता आ रहा है। इस पर अफसर नियमों का हवाला देने लगे। इसके बाद साल 2012 में हुई भर्ती के आधार पर पुन: भर्ती कराने की बात हुई। इस पर अफसरों ने 50-50 आरक्षण के फॉर्मूले पर करने को कहा। इस पर यूनियनों ने कहा कि वाल्मीकि समाज ही पूरा काम करता है। अन्य व्यक्ति काम नहीं करते। इसके बाद स्वास्थ्य उपायुक्त आशीष कुमार ने कर्मियों को 5 बिंदुओं पर राजी कर लिया।

1. बजट 2023-24 के अनुसार 3 हजार पदों की भर्ती सक्षम स्वीकृति के बाद की जाएगी। 2. भर्ती प्रक्रिया में परम्परागत रूप से सफाई कार्य करने वाले वर्ग जैस महतर, हेला तथा वाल्मीकि समाज के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। 3. भर्ती प्रक्रिया में नियमों को बनाए जाते समय नगर पालिका भर्ती दिशा-निर्देश 2013 में वर्णित भर्ती संबंधी प्रावधान के बिंदू संख्या 13 को ध्यान में रखा जाएगा। 4. अंतिम रूप से नियम प्रकाशन से पूर्व संयुक्त वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ से सलाह-मशविरा किया जाएगा। 5. हड़ताल में शामिल होने वाले किसी भी कर्मचारी के विरूद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस अवधि का वेतन भी नहीं काटा जाएगा।