अजमेर ब्यूरो रिपोर्ट।  

नेपाल स्थित दुनिया की दसवीं सबसे ऊंची चोटी माउंट अन्नपूर्णा से लापता हुए अजमेर के पर्वतारोही अनुराग मालू की लोकेशन ट्रेस हो गई है। दो दिन के सर्च अभियान में पता नहीं चलने पर मंगलवार को इंडियन आर्मी व नेपाल आर्मी भी तलाश में जुट गई है। वह 6 हजार मीटर की ऊंचाई से दरार में नीचे गिर गए और उनका पता नहीं चल पाया। वहीं दूसरी ओर किशनगढ़ से उनके भाई व कुछ रिश्तेदार वहां पहुंच गए है और माता-पिता किशनगढ़ में ही सकुशल होने की प्रार्थना कर रहे हैं। फिलहाल सर्च अभियान जारी है।

बुआ के बेटे अभिनव ने बताया कि सोमवार व मंगलवार को नेपाल की टीम ने उसकी तलाशी लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। मंगलवार शाम को उसकी लोकेशन ट्रेस हो गई। सेना की मदद से उसकी तलाश की जा रही है। गौरतलब है कि सेवन समिट ट्रेक्स के अध्यक्ष मिंगमा शेरपा ने बताया था कि राजस्थान के किशनगढ़ के अनुराग मालू (34) सोमवार सुबह कैंप-3 से उतरते समय लगभग लापता हो गए। वे पहाड़ों के बीच की दरार में गिरे। अनुराग मालू के लापता होने के मामले में अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने केंद्र से मालू को खोजने के लिए शेरपा और थर्मल ड्रोन जल्द से जल्द उपलब्ध करवाने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और नेपाल के काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास को पत्र लिखा है।

कर्मवीर चक्र से सम्मानित

माउंट अन्नपूर्णा पर्वतारोहियों के लिए सबसे खतरनाक पर्वतों में से एक माना जाता है। पिछले साल ही नेपाल स्थित माउंट अमा डबलाम पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की थी। वे माउंट एवरेस्ट, अन्नपूर्णा और ल्होत्से पर चढ़ने की योजना बना रहे थे। मालू कर्मवीर चक्र से भी सम्मानित हो चुके हैं। वह भारत से अंटार्कटिक यूथ एंबेसडर बने थे।

24 मार्च को किशनगढ़ से गए थे अनुराग

किशनगढ़ के मायाबाजार के पास निवासी अनुराग के पिता ओमप्रकाश मालू ने बताया- अनुराग 24 मार्च को पर्वतारोहण के लिए रवाना हुआ। किशनगढ़ से जयपुर और जयपुर से दिल्ली होते हुए काठमांडू गए थे। इसके बाद अनुराग ने पहाड़ पर चढ़ना शुरू किया था। अनुराग ने बीटेक किया है। वह युवाओं की काउंसिलिंग भी करता रहता है। छोटा भाई आशीष सीए है। पिता ओमप्रकाश ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि उनका बेटा सकुशल लौट आएगा। भगवान से ऐसी ही प्रार्थना कर रहे हैं।