उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

जनाक्रोश महा घेराव से प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरने का दम भरने वाली भाजपा दावे के हिसाब से भीड़ नहीं जुटा पाई। क्योंकि बारिश के चलते ग्रामीण के ज्यादातर कार्यकर्ता सभा खत्म होने से पहले भी लौट गए। भाजपा ने शुक्रवार शाम को 20 मिनट तक कलेक्ट्री के बाहर प्रदर्शन किया। रैली के कलेक्ट्री गेट पर पहुंचे के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। फिर बेरिकेड्स तोड़कर भीतर घुसने वाला पॉलिटिकल ड्रामा भी किया। कुछ युवा नेताओं ने जोश-जोश में बेरिकेड्स नीचे गिराकर पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी की।

हालांकि, पार्टी के बड़े चेहरों की ओर से पुलिस को पहले ही दायरे में रहकर प्रदर्शन करने की बात कही जा चुकी थी। इस बीच प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, शहर जिलाध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली, देहात जिलाध्यक्ष डॉ. चंद्रगुप्त सिंह चौहान, सांसद अर्जुनलाल मीणा, शहर भाजपा प्रभारी बंशीलाल खटीक, उप महापौर पारस सिंघवी, प्रमोद सामर, महामंत्री गजपालसिंह, डॉ. जिनेंद्र शास्त्री ने कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।

बाहर निकलकर मीडिया के माध्यम से सरकार तक उनकी बात पहुंचाने की कोशिश भी की। इससे पहले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष करीब 4 बजे टाउनहॉल के पीछे आयोजित सभा स्थल पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को मंच से संबोधित किया। बाद में रैली के रूप में सभी पदाधिकारी बापू बाजार, देहली गेट होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे थे।

कहीं बसों में घुसकर तो कहीं दीवार के सहारे खुद को बारिश से बचाते रहे

प्रदर्शन और सभा स्थल में भाजपा की ओर से पर्याप्त भीड़ जुटाई गई थी। ग्रामीण इलाकों से बड़ी तादाद में लोगों को शहर लाया गया था, लेकिन दोपहर बाद बेमौसम की बारिश ने कार्यकर्ताओं का उत्साह फीका कर दिया। कुछ कार्यकर्ता बसों में घुसकर तो कुछ दीवार के सहारे खड़े होकर खुद को भीगने से बचाते रहे। इस बीच कई कार्यकर्ता वापस घरों को लौटते दिखे। कार्यक्रम में शहर भाजपा के मुकाबले देहात के नेताओं का उत्साह अधिक दिखा। संख्या बल में भी शहर से ज्यादा ग्रामीण कार्यकर्ताओं की भीड़ से यहां माहौल बनता दिखा।

नंबर बढ़ाने की होड़: बेरिकेड्स पर चढ़कर शक्ति प्रदर्शन

प्रदर्शन के दौरान खुद को भाजपा का मजबूत चेहरा बताने के लिए नेताओं में प्रतिस्पर्धा दिखी। युवाओं की नारेबाजी के बीच पहले उप महापौर पारस सिंघवी बेरिकेड्स पर चढ़ने का प्रयास करते दिखे। उन्हें आगे देख जिनेंद्र शास्त्री ने भी मौका नहीं गंवाया। शास्त्री भाजपा का ध्वज लेकर बेरिकेड्स पर चढ़ गए और झंडा लहराते हुए नंबर बढ़ाने की कोशिश की। पूर्व पार्षद लवदेव बागड़ी भी खुद को साबित करने में लगे रहे, लेकिन उनके हाथ मौका नहीं लगा। बागड़ी को पुलिस ने कलेक्ट्रेट के भीतर घुसने से पहले ही रोक दिया। प्रदीप श्रीमाली ने भी कलेक्ट्री में घुसने के प्रयास किए, लेकिन सफल नहीं हुए। इस बीच शहर जिलाध्यक्ष कार्यकर्ताओं को बेरिकेड्स से दूर रहने की हिदायत देते रहे।

गर्मी के बीच पानी की बोतल से भी प्रचार में जुटे नेताजी
गर्मी के बीच कार्यकर्ताओं के गले को तर करने के लिए यहां पानी की छोटी बोतलें उपलब्ध कराई गई। लेकिन, इसके पीछे भी राजनीति दिखाई दी। शहर जिला के पदाधिकारी अतुल चंडालिया के सहयोग से बंटवाई गई बोतलों पर ब्रांड नेम के अलावा पार्टी के पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, शहर जिलाध्यक्ष श्रीमाली के साथ अतुल चंडालिया का खुद का फोटो था। कार्यकर्ताओं के बीच इस बात की चर्चा रही कि चंंडालिया भी शहर राजनीति में सक्रियता दिखाते हुए खुद को विधायक की दौड़ में शामिल कराने की कोशिश में जुटे हैं।