जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई को लेकर एक बार फिर सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला बोला है। पायलट ने रविवार को कहा कि हमने पटवारी पर या अधिकारी पर छापे मारने के लिए वोट नहीं मांगे थे। अनशन के दो सप्ताह के बाद भी सरकार ने कार्रवाई नहीं की है, यह अनशन पार्टी के हित में था। गौरतलब है कि गहलोत ने पायलट के आरोपों पर कहा था कि भ्रष्टाचार पर जितनी कार्रवाई राजस्थान में हुई, उतनी कहीं नहीं हुई।

पायलट रविवार को जयपुर में झारखंड महादेव मंदिर पहुंचे थे। सचिन पायलट ने कहा कि 25 सितंबर को जो कुछ हुआ, वह सबके सामने है। खुलेआम सोनिया गांधी के आदेशों की अवहेलना हुई, खड़गे साहब और माकन की खुलेआम बेइज्जती की गई। पार्टी विरोधी गतिविधि तो वह थी। उसके बाद कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हुई, फिर थम गई, उस पर भी सवाल उठेंगे, लेकिन इसका जवाब मेरे पास नहीं है। यह बात सच है कि 25 सितंबर की घटना हुई वह उस समय की हमारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विरोध में बगावत थी। जो विद्रोह हुआ था, उससे पार्टी और सरकार को क्षति पहुंची थी। सब पब्लिक डोमेन में है। पार्टी ने शो कॉज नोटिस जारी किया। उसके बाद जवाब आए नहीं आए क्या कार्रवाई हुई, यह सवाल तो बनता ही है।

​​​​​कमलनाथ-वेणुगोपाल को सच्चाई बताई
पायलट ने कहा- कमलनाथ और वेणुगोपाल से बात हुई, उसमें हमने पक्ष रखा, सच्चाई बताई। बैकग्राउंड को बताया। भविष्य में क्या चाहते हैं, किस दिशा में हमारी पार्टी को जाकर जीत मिल सकती है, उसके बारे में उन्हें सुझाव दिया है। वह सुझाव एक ही है कि हमने जो कहा, वह करके दिखाना चाहिए, क्योंकि हम बीजेपी का धुआं निकालने की क्षमता रखते हैं, वह यह इस भ्रम को नहीं फैला दें कि यहां किसी तरह की सांठगांठ है। पब्लिक परसेप्शन बहुत महत्वपूर्ण है, यह परसेप्शन नहीं बने कि मिले हुए हैं, इसलिए मैंने बात को रखा है। उन्होंने कहा- वसुंधरा राजे की सरकार में तमाम माफिया पनपा। हम राष्ट्रपति से मिले और ज्ञापन दिया। किसी ने गलती की है तो सजा मिलनी चाहिए।अनशन के दो हफ्ते बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है, इसलिए फिर से आग्रह कर रहा हूं। 2013 से 2018 के बीच जब लोगों के बीच गए तो मुद्दा ये था कि वसुंधरा के भ्रष्टाचार को खोलेंगे।

रंधावा पर तंज, कई रिपोर्ट बनाई तो मंत्रियों पर आरोपों की भी बनाएं
पायलट ने कहा- हमारे प्रभारी रंधावा साहब संजीदा और समझदार व्यक्ति हैं। रंधावा साहब बाकी सब रिपोर्ट दे रहे हैं तो यह रिपोर्ट भी बनानी चाहिए कि हमारे मंत्री और विधायकों पर कई तरह के आरोप लगे हैं, तो कहीं ना कहीं उससे पार्टी और सरकार की छवि को ठेस पहुंच सकती है। उसका भी संज्ञान लेकर खड़गे साहब और AICC के नेताओं तक पहुंचाना चाहिए ताकि कार्रवाई करें। कोई कितना बड़ा व्यक्ति हो, किसी पद पर बैठा हो, किसी का चहेता हो, किसका दुश्मन हो, लेकिन अगर कहीं जांच के बाद तथ्य आते हैं तो हमें कार्रवाई करने से परहेज नहीं करना चाहिए, क्योंकि सरकार में बैठे लोग भेदभाव नहीं कर सकते। निष्पक्षता से काम करना पड़ेगा।

महेश जोशी मामले की गहराई से जांच हो
महेश जोशी पर आरोप लगाकर जान देने वाले रामप्रसाद मामले में पायलट ने कहा कि मौत से पहले दिया गया बयान कोर्ट में मान्य होता है। जांच तो होनी चाहिए। हर व्यक्ति के नैतिकता के पैमाने अलग-अलग होते हैं। कौन इस्तीफा देता है, नहीं देता है, इस्तीफा लेते हैं, नहीं लेते हैं, यह मेरा सब्जेक्ट नहीं है, लेकिन जांच होनी चाहिए।

हम महात्मा गांधी की पार्टी से, गलत के खिलाफ आवाज उठाएंगे
बताया जाता है कि सचिन पायलट ने अनशन के बाद प्रदेश प्रभारी और सीएम की भूमिका को लेकर उनसे बात करने वाले नेताओं के सामने तल्खी दिखाई। पायलट ने नेताओं को अपना स्टैंड दोहराते हुए कहा कि बीजेपी राज के करप्शन पर जांच ओर कार्रवाई की मांग करना कांग्रेस विरोधी गतिविधि कैसे हो गया? इसी बात को दोहराते हुए उन्होंने रविवार को कहा कि मैंने भाजपा राज के भ्रष्टाचार की बात की, यह तो पार्टी के हित में था। हम महात्मा गांधी की पार्टी से आते हैं, जहां अन्याय और गलत पर आवाज उठाई जाती है, इसीलिए मैंने किया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि सरकार ने कार्रवाई की है, कुछ कार्रवाई हुई है, लेकिन हमने पटवारी पर कार्रवाई करने के लिए वोट नहीं मांगे थे। हमने वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार के दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए जनता से वोट मांगे थे।

कटारा को किसके कहने पर मेंबर बनाया गया

पायलट ने गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले कहा गया था कि कोई नेता अधिकारी पेपरलीक में शामिल नहीं है। मैंने पहले भी कहा था कि बड़े से बड़ा व्यक्ति जो पेपरलीक में सरगना है ,जो मास्टर माइंड है उन तक पहुंचना चाहिए। छोटे-मोटे दलाल पकड़ने से काम नहीं चलेगा, तह जाना पड़ेगा। आज जो आरपीएससी का मेंबर अरेस्ट हुआ है यह कैसे मेंबर बने, किसने रिकमंड किया था, इसकी तह तक भी जाना चाहिए। क्योंकि कहीं न कहीं और तार जुड़े होंगे। यह जांच रुकने नहीं चाहिए। कोई तथ्य मिले हैं तो कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि इस मामले में और भी लोग शामिल होंगे।

ये दूध नींबू लाकर सफाई देने की जरूरत कहां पड़ गई?

पूर्व डिप्टी सीएम ने गहलोत पर सियासी हमला करते हुए कहा कि- उन्होंने कहा था कि मैं भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी बात पर कायम हूं। इस मुद्दे को हम आगे लेकर के जाएंगे। मैंने अपने मुंह से कभी मिलीभगत शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। फिर यह नींबू, दूध और पानी जैसी सफाई देने की जरूरत क्या है? मैंने जो मुद्दा उठाया है यह सरकार उस पर संज्ञान लेगी। हालांकि 2 हफ्ते हो गए हैं अभी भी उम्मीद करता हूं कांग्रेस पार्टी और विशेष रूप से हमारी सरकार को अब कार्रवाई करने का समय आ चुका है।

पायलट अब फील्ड में उतरकर करप्शन का मुद्दा गर्माने की तैयारी में

सचिन पायलट ने पिछले दिनों झुंझुनू के खेतड़ी में हुई सभा में बीजेपी राज के करप्शन का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि हमने वसुंधरा राजे सरकार पर करप्शन के आरोप लगाकर वोट लिए, उस पर तो कार्रवाई होनी ही चाहिए। हमने चुनावों में जो वादा किया उस पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई है।इस मुद्दे पर अनशन किया, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पायलट ने जिस तरह के तेवर सभा में दिखाए वही तेवर हाईकमान से जुड़े नेताओं के सामने दिखाए हैं। पायलट की प्रदेश के कई और इलाकों में सभाओं की तैयारी चल रही है।