जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

प्रदेश में जल्दी ही गेहूं, सरसों, जौ, चना, बाजरा, मक्का सहित दूसरों खाद्यान्नों की ऑनलाइन नीलामी होगी। मंडी या शहरों में बैठकर भी व्यापारी व कमिशन एजेंट गांवों के खेत-खलिहान में रखी उपज की बोली लगा सकेंगे। वहीं मंडी में भी ऑनलाइन बोली होगी। इसके लिए मंडियों में कर्मचारियों को टैबलेट दिए हैं तथा हर मंडी में क्वालिटी लेबोरेटरी खोली गई है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ई-नाम (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) प्लेटफॉर्म पर प्रदेश की 145 मंडियां जुड़ गई हैं। ई-नाम पर प्रदेश के 15 लाख किसान व 107 हजार व्यापारियों व एजेंटों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है।

फिलहाल नीलामी के पहले कदम के तौर पर मंडी का गेट पास व उपज का ताजा भाव ऑनलाइन हो गया है। दूसरी स्टेज पर उपज की कहीं से भी बोली लगा कर ऑनलाइन पेमेंट की शुरुआत होगी। इसका काम अंतिम चरण में है। ई-नाम के राजस्थान प्रभारी केशर सिंह का कहना है कि ई-नाम ऑनलाइन नीलामी व मार्केट का महत्वपूर्ण कदम है। इससे किसान व व्यापारियों के बीच पारदर्शिता रहेगी। किसान को उपज की पूरी कीमत और तत्काल पेमेंट हो सकेगा।

ऐसे होगी ऑनलाइन नीलामी : किसान ऑनलाइन तरीके से ई-नाम प्लेटफॉर्म पर अपनी उपज का गेट पास बना सकेगा। यानि उपज गेहूं, जौ या सरसों की है तो उसके बारे में पूरी सूचना, क्वालिटी व क्वांटिटी के साथ ही लैबोरेट्रीज का प्रमाण पत्र अपलोड कर देगा। उसके लोट व गेट पास का नंबर आते ही व्यापारी ऑनलाइन ही उपज की बोली लगा सकेगा। जो व्यापारी सबसे अधिक बोली लगाएगा, वह उपज ट्रांसपोर्ट के जरिए उस व्यापारी के गोदाम तक भेजनी होगी। या फिर व्यापारी किसान के खेत, गोदाम या मंडी से उपज को उठाने की व्यवस्था करेगा। पेमेंट भी आरटीजीएस या नेट बैंकिंग के जरिए करना होगा। भविष्य में किसान के खेत व ऑर्गेनिक उपज होने का लाइव वीडियो भी मिल सकेगा।

इस पहल से यह होगा फायदा
वर्तमान में किसान को अपनी उपज मंडी में ले जानी पड़ती है और नीलामी प्रक्रिया में वहां मौजूद व्यापारी ही बोली लगा पाते हैं। किसान को उपज की पूरी कीमत नहीं मिल पाती है। लेकिन ऑनलाइन नीलामी का विकल्प होने के बाद देशभर के व्यापारी बोली में भाग ले सकते हैं और किसान को उपज की क्वालिटी के हिसाब से कीमत मिल सकेगी। मार्केट का दायर बढ़ेगा।

फिलहाल यह है सुविधा : वर्तमान में ई-नाम पर देशभर की मंडियों में गेहूं, जौ, सरसों, चना, बाजरा, मक्का सहित अधिकांश उपज का दैनिक भाव रहता है। जिस मंडी में उपज का ज्यादा रेट है, किसान वहां ले जा सकता है। व्यापारी अच्छी क्वालिटी की उपज का उचित मूल्य पर खरीदने के लिए मंडी तय करता है। मंडियों में क्लीनिंग ग्रेडिंग मशीन लगी है, वहां किसान निशुल्क अपनी उपज की सफाई व ग्रेडिंग करवा सकते हैं।
यह सुविधा भी रहेगी : ट्रेडिंग, क्वालिटी टेस्टिंग, परिवहन, वेयरहाउस व स्टोरेज, फिनटेक, सलाहकार सेवाएं, बाजार सूचना, संस्थागत खरीददार, छंटाई और ग्रेडिंग सेवा व कृषि इनपुट।