जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।   

राज्य सरकार के पास बजट में घोषित 19 नए जिलों की सीमा तय कर नोटिफिकेशन जारी करने के लिए 30 जून तक का ही समय है। सेंसस ऑपरेशंस राजस्थान के डायरेक्टर बिष्णु चरण मलिक के अनुसार, जनसंख्या निदेशालय केंद्र सरकार के सभी राज्य सरकारों को निर्देश हैं कि जनसंख्या इकाइयों यानी ग्राम पंचायत, तहसील से लेकर जिला तक की प्रशासनिक सीमाओं का निर्धारण 30 जून तक पूरा कर लिया जाए।

यह समय सीमा केंद्र की जनगणना (2021) के तहत जारी गाइडलाइन के तहत है। सीमाएं फ्रीज करने के 3 माह बाद ही जनगणना शुरू की जा सकती है। यदि केंद्र जनगणना की तैयारी करता है तो नए जिलों की घोषणा को जमीन पर उतारने की राज्य के पास चुनौती खड़ी रहेगी।

वहीं, नए जिलों को जमीन पर लाने की सरकार की तैयारी कहां तक पहुंची है, इसकी जानकारी अभी राजस्व मंत्री तक को नहीं है।

राजस्व मंत्री रामलाल जाट बोले- इस बारे में मुख्यमंत्री व राज्य स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष रामलुभाया को ही पता है। वहीं रामलुभाया बोले- नए जिलों की घोषणा हो गई, अब आगे क्या रहेगा, यह सरकार से पूछना चाहिए।

बता दें कि सीएम ने 17 मार्च को प्रदेश में एक साथ 19 नए जिलों की घोषणा कर सबको चौंका दिया था। सियासी संकट के समय साथ देने वाले मंत्री-विधायकों की मांग पूरी करते हुए आधे जिले राजनीतिक आधार पर बनाए थे। इसी कारण ज्यादातर जिलों में सीमा निर्धारण को लेकर विवाद खड़ा है।

वहीं 10 से ज्यादा और नए जिलों की मांग को लेकर प्रदेश में धरना-प्रदर्शन चल रहे हैं। जयपुर व जोधपुर को दो जिलों में बांटने पर भी विरोध है।

बड़ा सवाल यह है कि अगर केंद्र ने इस टाइमलाइन के अनुसार जनगणना शुरू करवा दी तो राज्य सरकार अपने चुनावी वादे को किस तरह पूरा करेगी। हालांकि सरकार से जुड़े लोगों का कहना है कि जनगणना कब शुरू होगी अभी यह तय नहीं है। वहीं सरकारी सूत्रों की मानें तो सरकार एक कमेटी बनाकर इसका इंटरनल सर्वे करवा रही है।

दो माह में यह सब करना है सरकार को

नए जिलों का प्रशासनिक सीमा निर्धारण : जिन जिलों को तोड़कर नए जिले बनाए गए हैं, उनके मदर डिस्ट्रिक्ट प्रशासन से ड्राफ्ट तैयार होना है कि नए जिले में कौनसा उपखंड, कौनसी तहसील, पंचायत व राजस्व गांव शामिल होंगे।

राजस्व विभाग से संशोधन-पुष्टि : जिलों के प्रस्ताव राजस्व विभाग को जाएंगे। जिनमें जरूरी संशोधन के साथ प्रशासनिक सीमा तय कर नोटिफिकेशन होगा।

वित्त विभाग की मंजूरी : जिलों के लिए जरूरी ऑफिस, स्टाफ, वाहन सहित रिसाेर्सेज व इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट मंजूरी।