जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

अक्षय तृतीया पर्व शनिवार को पूरे प्रदेश में श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया। मंदिरों में भगवान को शीतल व्यंजनों का भोग अर्पित कर चंदन का लेप लगाया। वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि सुबह 7.50 बजे आई थी, जो रविवार सुबह 7.48 बजे तक रहेगी। बंशीधर ज्योतिष पंचांग के दामोदर शर्मा ने बताया कि रविवार को सूर्योदय सुबह 6 बजे होगा। जबकि तृतीया 7.48 बजे तक रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि होगी। शास्त्रों में 2.24 घंटे से कम समय में तृतीया होने के कारण शनिवार को ही अबूझ मुहूर्त माना गया है।

अक्षय तृतीया का मुख्य आयोजन बद्रीनाथजी की डूंगरी आमेर रोड पर हुआ। यहां स्थित बद्रीनारायण मंदिर में मेला लगा, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तगण दर्शनों के लिए पहुंचे। भगवान का अभिषेक कर उनका ऋतु पुष्पों से शृंगार किया गया है। प्रभु को फूल बंगले में विराजमान किया गया है। पूरे शहर से लोग यहां प्रभु दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में सुबह मंगला झांकी पश्चात ठाकुरजी का अभिषेक किया गया। ठाकुरजी को पीले रंग की नई धोती दुपट्टा धारण करवाकर शीतलता प्रदान करने के लिए विशेष केसर चंदन का लेप किया जाएगा। इस दौरान फव्वारे की सेवा भी लगाई गई। ठाकुरजी के भोग में शर्बत, ठंडाई, सत्तू, भीगी चनादाल व पंचमेवा, श्रीखंड के साथ तरबूज जैसे ठंडी तासीर के व्यंजन शामिल किए गए।

आनंदकृष्ण बिहारीजी मंदिर में ठंडे पकवान चढ़ाए गए : पुरानी बस्ती स्थित राधा गोपीनाथजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी ठाकुरजी के भोगराग व पहनावे में बदलाव के साथ उन्हें अक्षय तृतीया पर ठंडे व्यंजनों का भोग लगाया गया। चौड़ा रास्ता स्थित मंदिर श्री राधा-दामोदरजी में मंगला झांकी के बाद चंदन शृंगार के विशेष दर्शन भक्त कर रहे हैं। ठाकुरजी के चंदन का लेप किया गया है। ठाकुरजी को राजभोग में श्रीखंड, रसीले फलों में आम, तरबूज, खरबूज, अंगूर का भोग लगाया गया। चांदनी चौक के मंदिर श्री आनंदकृष्ण बिहारीजी में ठाकुरजी को ठंडाई, शरबत, सत्तू, आमरस, खरबूजा, तरबूज आदि ठंडे व्यंजनों का भोग लगाने के साथ ही नरवर रूप की पोशाक धारण करवाई गई है। ठाकुरजी को चंदन लेप करने के साथ चने की दाल व ककड़ी व मिश्री का भोग लगाया गया।

आखातीज के अबूझ सावे में हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन
वैशाख शुक्ल तृतीया पर शनिवार को आखातीज मनाई गई। आखातीज पर अबूझ सावा होने से प्रदेशभर में शादियों की धूम रही। रविवार को भी सामूहिक विवाह सम्मेलन हाेंगे। माली सैनी समाज विकास समिति का सामूहिक विवाह सम्मेलन आमेर की पीली की तलाई स्थित स्टेडियम हुआ, इसमें 14 जोड़े विवाह बंधन में बंधे। सामूहिक विवाह में मुख्य अतिथि त्रिवेणी धाम रिछपाल दास महाराज रहे। अतिथियों ने वर-वधू को आशीर्वाद भी दिया। सी-स्कीम के महावीर मार्ग में गौड़ ब्राह्मण समाज का सामूहिक सम्मेलन हुआ, जिसमें 10 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। रैगर समाज सामूहिक विवाह समिति की ओर से रैगर समाज का सामूहिक विवाह चांदपोल बाजार नींदड़ रावजी का रास्ता स्थित रैगर बस्ती में हुआ, इसमें पांच जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे। दोपहर 2:15 बजे से भिंडों के रास्ता, दूसरा चौराहे से दूल्हों की सामूहिक निकासी निकाली गई और शाम को तोरण एवं वरमाला की रस्म हुई।