कोटा ब्यूरो रिपोर्ट।  

कोटा की बेटी विंग कमांडर दीपिका मिश्रा को वायु सेना मेडल (गैलंट्री) पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार उन्हें मध्यप्रदेश में बाढ़ राहत अभियान के दौरान 'अदम्य साहसिक' कार्य के लिए दिया गया है। दीपिका को 20 अप्रैल को दिल्ली में भारतीय वायू सेना के चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने सम्मानित किया। उन्होंने 47 से ज्यादा लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई थी। बताया जा रहा है दीपिका मिश्रा भारतीय वायुसेना में वीरता पुरस्कार पाने वाली पहली महिला अधिकारी है। दीपिका मिश्रा साल 2006 में भारतीय वायुसेना की कोटा से पहली महिला फ्लाइंग अफसर बनी थी। दीपिका, सारंग टीम की भी पहली महिला अफसर रही हैं।

दीपिका का परिवार कोटा के स्टेशन इलाके में रहता है। पिता सीमेंट फैक्ट्री से 6 साल पहले मैनेजर की पोस्ट से रिटायर हुए हैं। जबकि छोटा भाई 4 साल से विदेश में जॉब करता है। फिलहाल कनाडा में है। दीपिका के पिता सुनील दत्त की मोड़क की सीमेंट फैक्ट्री में नौकरी थी। वो मोड़क से सप्ताह में एक बार कोटा आते थे। इधर दीपिका अपनी मां व छोटे भाई के साथ दादा दादी के पास कोटा में रहती थी। आर्मी स्कूल में पढ़ाई के दौरान घर के रोजमर्रा के काम दीपिका अपनी मां के साथ करती थी। धीरे-धीरे बाजार से खरीदारी समेत अन्य काम को जिम्मेदारी उठाई। वो ज्यादातर काम खुद करती थी। पिता नहीं थे तो खुद से ही स्कूटर चलाना सीखकर घर के काम किए। पिता सुनील मिश्रा साल 2017 में मैनेजर की पोस्ट से रिटायर हुए। जिसके बाद वो कभी बेटे के पास ,कभी बेटी के पास रहते है। पिता कोटा आते जाते रहते है।

सीएम अशोक गहलोत ने दी बधाई

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर बधाई दी है। सीएम गहलोत ने लिखा- 'बेटी की ऊंची उड़ान गर्व करता राजस्थान' वीरता पुरस्कार पाने वाली देश की पहली महिला एयरफोर्स अधिकारी राजस्थान की बेटी विंग कमांडर दीपिका मिश्रा ने पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया है। बाढ़ राहत कार्य हेतु आपको प्राप्त वायु सेना पदक प्रत्येक देशवासी को प्रेरित करता है। हार्दिक बधाई। जय हिंद!

पिता सुनील दत्त मिश्रा ने बताया- दीपिका को बचपन से ही वायु सेना में जाने का शौक था। उसके ताऊ ज्ञानेंद्र मिश्रा आर्मी में रहे है। लेफ्टिनेंट कर्नल की पोस्ट से रिटायर हुए हैं। अभी जयपुर में रहते हैं। दीपिका ने 12वीं तक आर्मी स्कूल कोटा में पढ़ाई की। इसके बाद जेडीबी कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई की।

कॉलेज की पढ़ाई के दौरान दीपिका एनसीसी जॉइन की। बेंगलुरु कैंप में उसने माइक्रो लाइट में उड़ान भरी। इस दौरान अपने ताऊ सम्पर्क में रहते हुए दीपिका ने तैयारी की। दीपिका ने साल 2005 में पहले ही प्रयास में एसएसबी क्लियर क़िया। दीपिका की अभी यूपी में पोस्टिंग है। परिवार के सदस्य भी साथ में है। दीपिका के पति भी विंग कमांडर है।