अजमेर ब्यूरो रिपोर्ट।   

हिमालय में स्थित दुनिया की दसवीं सबसे ऊंची चोटी माउंट अन्नपूर्णा से लापता हुए अजमेर के पर्वतारोही अनुराग मालू तीन दिन बाद सही सलामत मिल गए। अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।

पिता ओमप्रकाश मालू ने बताया- उन्हें नेपाल में पोखरा के मणिपाल हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। अनुराग अभी बात करने की स्थिति में नहीं है। उनकी हालत ठीक बताई जा रही है। लोकेशन ट्रेस होने पर इंडियन आर्मी और नेपाल आर्मी के साथ अन्य संगठन उनकी तलाश कर रहे थे। गुरुवार सुबह करीब 10 बजे सफलता मिली। रेस्क्यू की खबर के बाद किशनगढ़ में उनके घर पर परिवार ने राहत की सांस ली है। अनुराग मालू (34) 24 मार्च को नेपाल के लिए रवाना हुए थे। वे 17 अप्रैल की सुबह माउंट अन्नपूर्णा के कैंप-3 से उतरते समय लापता हो गए थे। जिस वक्त हादसा हुआ वे समुद्र तल से 6000 मीटर की ऊंचाई पर थे। वे पहाड़ की दरार में गिरे। हालांकि यह नहीं पता चल पाया कि दरार कितनी गहरी थी।

अनुराग के पास खाने-पीने का सामान काफी कम था। बर्फीले पहाड़ के बीच ऑक्सीजन की कमी थी। उस पर हडि्डयां गलाने वाली बर्फीली हवाएं। इन सबके बावजूद उन्होंने हौसला नहीं खोया और मौत को मात दे दी। माउंट अन्नपूर्णा की ऊंचाई 8,091 मीटर है। अनुराग मालू के लापता होने के बाद टीम ने सर्च किया, लेकिन कोई पता नहीं चला। इसके बाद परिजन को सूचना दी। भाई आशीष मालू सहित अन्य परिजन वहां पहुंच गए। इसके बाद लगातार सर्च जारी रहा। गुरुवार सुबह वे मिल गए। अनुराग ने बीटेक किया है। वे युवाओं की काउंसिलिंग भी करते हैं। उनका छोटा भाई आशीष सीए है।

पीएम मोदी को लिखा था पत्र
मालू की तलाश के लिए अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने शेरपा और थर्मल ड्रोन जल्द से जल्द उपलब्ध करवाने की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास को पत्र लिखा था। वहीं, अजमेर कलेक्टर ने भी पत्र लिखा था।

कर्मवीर चक्र से सम्मानित
माउंट अन्नपूर्णा पर्वतारोहियों के लिए सबसे खतरनाक पर्वतों में से एक माना जाता है। पिछले साल ही नेपाल स्थित माउंट अमा डबलाम पर अनुराग मालू ने सफलतापूर्वक चढ़ाई की थी। वे माउंट एवरेस्ट, अन्नपूर्णा और ल्होत्से पर चढ़ने की योजना बना रहे थे।