जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

राजस्थान में 24 अप्रैल से शुरू हो रहे महंगाई राहत कैंप को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि जिस कांग्रेस को साढ़े 4 साल तक राजस्थान की जनता याद नहीं आई। वह कांग्रेस अब चुनाव से पहले जनता को झूठी घोषणाएं कर खुश करने की कोशिश में जुटी है। लेकिन राजस्थान की जनता कांग्रेस के झूठे वादों में नहीं आकर आने वाले चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाएगी।

कांग्रेस का फ्लॉप शो साबित होगा कैंप
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार राजस्थान में महंगाई राहत के 2,700 कैंप लगाने जा रही है। जिसमें असंतुष्ट कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कैंप प्रभारी बनाकर खुश करने की कोशिश की जा रही है। जो पूरी तरह फैल होगी। कांग्रेस सरकारी पैसे से शिविर का कांग्रेसीकरण करने जा रही है। लेकिन जिस तरह भारत जोड़ो यात्रा विफल हुई। ठीक उसी तरह महंगाई राहत कैंप भी फ्लॉप होगा।

जनता के पैसे से हो रही फिजूलखर्ची

राठौड़ ने कहा कि महंगाई राहत कैंप और प्रशासन शहरों के संग अभियान में सरकारी कर्मचारी भी साथ नहीं है। क्यों कि राजस्थासन में 50 हज़ार मंत्रालय कर्मचारी, 700 तहसीलदार, 1,100 नायब तहसीलदार, 4,121 गिरदावर, 12,000 पटवारी, 11,000 से ज्यादा ग्राम विकास अधिकारी, 6,000 सूचना सहायक, 11,285 से ज्यादा सरपंच सरकारी कार्यों का बहिष्कार कर रहे हैं। जिसकी वजह से मकानों की रजिस्ट्री, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, जमाबंदी, गिरदावरी नकल और नामंत्रण जैसे जनता से जुड़े काम सीधे तौर पर रुके हुए हैं। ऐसे में सरकार का कैंप सिर्फ कागजों में सिमट कर रह जाएगा।

जनता से सिर्फ झूठे वादे करती है कांग्रेस
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में झूठे वादे किए थे। 2018 चुनाव के वक्त कांग्रेसी नेताओं ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की घोषणा की थी। इसके साथ ही रसोई गैस की कीमतों पर नियंत्रण का प्रयास करने का वडा भी किया था। लेकिन साढ़े चार साल का वक्त बीत जाने के बाद भी इन दोनों में से कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ है।

महंगाई का बूस्टर डोज इस सरकार ने दिया
राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा वैट लग रहा है। देश में सबसे ज्यादा मंडी टैक्स और सबसे महंगी बिजली भी राजस्थान में ही है। जिसकी वजह से प्रदेश की जनता को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में पेट्रोल पर 31.04 परसेंट वैट और 1.50 रुपए रोड सेस है।

जबकि डीजल पर 19.30 परसेंट वैट और 1.75 रुपए रोड सेस है। वहीं पिछली बीजेपी सरकार के समय डीजल पर वैट 18 परसेंट और पेट्रोल पर वैट 26 परसेंट ही था। लेकिन गहलोत शासन में अब तक 6 बार पेट्रोल- डीजल पर वैट बढ़ाया गया और मात्र 2 बार घटाया गया।

जनता के पैसे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को बाटने की तैयारी
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सांख्यिकी विभाग की ओर से राजीव गांधी युवा मित्र योजना के तहत 2,000 युवा मित्रों को 17,000 रुपए प्रतिमाह सैलरी देने की तैयारी कर रही है। वहीं 350 राजीव गांधी समन्वयक को 32,000 रुपए प्रतिमाह सैलरी दी जाएगी। इसी तरह कांग्रेस सरकार प्रदेश के 165 थानों में सरकार पैरा लीगल वॉलिंटियर्स की नियुक्ति कर रही है। जिन्हें जनता की गाढ़ी कमाई से ही 15,000 रुपए हर महीने सैलरी दी जाएगी।
इसके साथ ही सराकर ने प्रशासन शहरों के संग अभियान में नगर मित्र के रूप में सत्ता के अधिकृत दलाल नियुक्त किए हैं। जबकि 80 हजार स्वास्थ्य मित्र और 70 हजार डिजिटल सखियां बनाई है। जो सिर्फ कांग्रेस की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने का काम कर रहे है। जो पूरी तरह से गलत है।
बाबूलाल ने RPSC को किया कलंकित
राठौड़ ने कहा कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले को बड़ा मुद्दा बताते हुए सवाल खड़े किए हैं। जबकि बीजेपी तो पहले से ही यह बात कह रही है। बीजेपी ने पेपर लीक मामले को लेकर सड़कों पर उतरकर आंदोलन भी किए हैं। जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाबूलाल कतरा की नियुक्ति की थी। जिसकी जाँच होनी चाहिए। इसी तरह गहलोत ने पिछले कार्यकाल में RPSC में हबीब खां गौराण को रख भ्रष्टाचार किया था। जिसे राजस्थान की जनता कभी माफ़ नहीं करेगी।

महिलाओं को बेवकूफ बना रहे गहलोत
राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कई घोषणाएं बिना बजटीय प्रावधान के ही कर दी। जिनका पैसा कहां से आएगा। यह किसी को भी नहीं पता है। पिछले बजट में सरकार ने 1.33 करोड़ महिलाओं को स्मार्ट फोन देने की घोषणा भी की थी। लेकिन आज तक एक भी महिला को फोन नहीं दिया है। इससे साफ़ जाहिर होता है। अशोक गहलोत सिर्फ राजस्थान की महिलाओं को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे है।

अभियोजन स्वीकृति नहीं दे रही सरकार
राठौड़ बोले कि महंगाई राहत कैंपों के प्रभावी हर पांचवें तहसीलदार पर रिश्वतखोरी का आरोप है। 304 तहसीलदार, 175 नायब तहसीलदार एसीबी की जांच के दायरे में हैं। भ्रष्टाचार पर जीरो डिस्क्रिशन, जीरो करप्शन और जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली सरकार एसीबी की ओर से आरोप प्रमाणित करने के बाद पकड़े गए 557 कार्मिक और अधिकारियों की अभियोजन स्वीकृति रोककर बैठी है। एक शिविर में 150 कर्मचारी और अधिकारी बिठा रहे हैं। चुनावी साल में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग टीए-डीए का अतिरिक्त भार सरकारी खजाने पर आएगा। जिसे सरकार राजस्थान की जनता से ही वसूलेगी।