जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 
64 वर्षीया अनिल मेहता जो की पेशे से हस्तकला कलाकार है, अपनी इसुजु कारवां वैन से पूरे भारत की 1,111  दिन की लम्बी यात्रा पर निकल रहे हैं।  यह यात्रा कल याने 23 अप्रैल 2023 को जयपुर के जवाहर सर्किल से सुबह 9 बजे रवाना होगी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत की विविध संस्कृति को जानना और साथ ही हर राज्य के लोगों से संवाद करना है। अनिल मेहता खुद एक हस्तकला विशेषज्ञ है, जो की पिछले 30 वर्षों से संगमरमर के पत्थरों को तराश कर खूबसूरत आकृतियां बनाते रहे हैं। वह इस यात्रा के दौरान अपने विडिओस भी बना कर अपने यूट्यूब चैनल " Anil Mehta Vocal for Local  " पर प्रसारित करते रहेंगे और  विभिन्न प्रदेशों की संस्कृति और हस्तकला निर्णाण की जानकारी हमसे साँझा करते रहेंगे।  इस यात्रा का एक उद्देश्य यह भी है की वो पूरे देश के कलाकारों और हस्तकला निर्माताओं से बात करेंगे और प्राप्त ज्ञान को सभी दर्शकों से साझा करते रहेंगे।
इस यात्रा में उनकी जीवनसंगिनी श्रीमती गीता मेहता भी साथ रहेंगी। श्री अनिल मेहता इससे पूर्व सन 1990  में मोटरसाईकिल पर पूरे भारत, नेपाल और भूटान की यात्रा कर चुके हैं।  श्री अनिल मेहता का कहना है " दोस्तों मुझे आदिवासी क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्र, दूरस्थ क्षेत्र, पहाड़ों में यात्रा करना बहुत पसंद है, महानगरों में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है, हमारा भारत बहुत सुंदर देश है, अलग संस्कृति, अलग पहनावा , अलग तरह का भोजन, अलग तरह की भाषा।  इसलिए मुझे उन सभी से मिलने में मजा आता है। "
मज़े की बात यह है की जयपुर में ऐसी कारवां वैन पहली बार डिज़ाइन हुई है और पहली बार ही राजस्थान परिवहन विभाग में रजिस्टर भी हुई है। अनिल जी अपने सफर के दौरान इसी वैन में रात्रि विश्राम भी करेंगे।  इस वैन की छत पर एक डबल बैड बनाया गया है।  वैन के निचले हिस्से में एक छोटा सा रसोई घर और राशन और पानी रखने की सुविधा है।  यात्रा के दौरान यही वैन इनका घर भी रहेगा।  भारत के दूसरे बड़े शहरों में ऐसी कारवां वैन डिज़ाइन करने में 5 से 10 लाख का खर्चा आता है। लेकिन अनिल जी और जयपुर बॉडी बोल्डर के मालिक ओम जी ने मिलकर इसे जयपुर में ही करीब डेढ़ लाख के ख़र्चे पर ही बना लिया।  यूट्यूब पर यह जानकारी शेयर करने के बाद अब बाहर के लोग भी कारवां वैन डिज़ाइन के लिए जयपुर आने लगे हैं।  श्री अनिल मेहता का यह सपना पूरा करने में उनकी तीनो बेटियों आरती , दिशा और मुस्कान का बड़ा योगदान है।  उन्होंने ही यह इसुजु कारवां वैन उनको उपहार में दी है और अब उनके पीछे से ये तीनों ही पिता के हस्तनिर्माण का व्यवसाय भी संभालेंगी।