श्रीगंगानगर ब्यूरो रिपोर्ट। 

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गुरुवार को गहलोत के साथ मिलीभगत के आरोपों को लेकर पायलट पर जमकर निशाना साधा। वसुंधरा ने कहा- कई लोग जानबूझ कर एक ही झूठ बोलते आ रहे हैं कि वो तो मिले हुए हैं, उनमें तो मिलीभगत है। जिनसे सिद्धांत नहीं मिलते, जिनसे विचारधारा नहीं मिलती, जिनसे रोज-रोज अमर्यादित भाषा सुनने को मिलती हो, उनसे मिलीभगत कैसे संभव है। क्या कभी दूध और नींबू रस आपस में मिल सकते हैं?

दरअसल, वसुंधरा राजे सूरतगढ़ दौरे पर विश्नोई समाज के मंदिर पहुंची थीं। इस कार्यक्रम में पूर्व सीएम ने इशारों ही इशारों में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। वसुंधरा ने कहा, विश्नोई समाज के 20वें नियम में है अहंकार का त्याग। जो न छोटों से सदव्यवहार करे और न बड़ों का सम्मान करे, हमारी पार्टी में ऐसा कोई नहीं है।

राजे ने गहलोत सरकार के महंगाई राहत कैंप पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा- विश्नोई समाज का 10वां नियम है क्षमा, पर जो क्षमा करने योग्य ना हो, उसे क्षमा नहीं करना चाहिए। 12वां नियम है- चोरी नहीं करना। भ्रष्टाचार एक किस्म की चोरी ही है। जहां बिना पैसे काम नहीं होते, वहां महंगाई कैसे कम होगी? लगाना ही है तो भ्रष्टाचार राहत कैंप लगाएं। महंगाई अपने आप कम हो जाएगी। संपूर्ण समाज का जो भला कर सके, ऐसे लोगों का ही साथ दो, ताकि हम आपकी फिर से सेवा कर सकें।

राजे ने कहा कि हमारी सरकार ने क्षेत्र के किसानों के हितों को प्राथमिकता दी। पूर्व भाजपा कार्यकाल के दौरान आखिरी छोर पर बैठे किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाया है। किसानों को अपनी गेहूं की फसल बेचने में आ रही दिक्कतों को दूर करने में सरकार को पहल करनी चाहिए। राज्य सरकार को चाहिए कि कोई भी नीति निर्माण आमजन से संवाद करने और उनकी सुविधा के अनुसार ही होने चाहिए। यह सब एक संवेदनशील जनप्रतिनिधि ही कर सकता है।

करीब एक हफ्ता पहले वसुंधरा ने दावा किया था कि पायलट कभी सीएम नहीं बन पाएंगे। उन्होंने कहा था कि हमें चिंता नहीं उनकी, उन्हें चिंता हमारी है। हमारी नाव के रक्षक सुदर्शन चक्रधारी हैं। जाको राखे साइयां, मार सके न कोय। बाल न बांका कर सके, जो जग बैरी होय। भगवान ने कहा भी है कि विकट परिस्थितियों में चट्टान की तरह डटे रहो। कई अपने पराए हो सकते हैं।