जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

राजस्थान में निकाली सफाई कर्मचारियों की भर्ती में आरक्षण व्यवस्था लागू करने के खिलाफ वाल्मीकि समाज सड़कों पर उतर गया है। गुरुवार को हड़ताल के तीसरे दिन संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया के नेतृत्व में सफाई कर्मचारियों ने पांच्यावाला सिरसी रोड पर हाथों में झाड़ू, तख्तियां लेकर रैली निकाली।

इधर, जयपुर शहर के 6 हजार सफाईकर्मियों के हड़ताल पर जाने से सफाई व्यवस्था बिगड़ी पड़ी है और जगह-जगह कचरे के ढेर लगने शुरू हो गए। हालांकि मामले पर वाल्मीकि समाज इसके लिए शहरवासियों से माफी मांगता हुआ भी नजर आया। उनका कहना है कि सरकार हमारा हक छीनने की कोशिश कर रही है, इसलिए मजबूरन ये कदम उठाना पड़ रहा है। डंडोरिया का कहना है कि 26 अप्रैल को राज्य सरकार ने सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को स्थगित कर दिया हो, लेकिन हमारा आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा। जब तक नई भर्ती विज्ञप्ति में आरक्षण के बजाए वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी।

6 हजार से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर
हड़ताल के कारण शहर में न तो घरों में कचरा लेने के लिए हूपर पहुंच रहे हैं और न ही शहर में झाडू निकलने और कचरा उठाने का काम हो रहा है।

संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि सफाई करना, मैला उठाने का काम वाल्मीकि समाज के अलावा कोई दूसरे समाज के लोग नहीं करते, इसलिए भर्ती में उन्हें ही पहले प्राथमिकता मिलनी चाहिए। अगर भर्ती में कोई समाज का व्यक्ति योग्य नहीं मिलता तो दूसरे समाज को शामिल किया जाना चाहिए।

हेरिटेज मुख्यालय पर जनसभा
रैली निकालने के बाद सभी कर्मचारी जयपुर नगर निगम हेरिटेज मुख्यालय पर पहुंचे, जहां जनसभा हुई। इस सभा में सभी ने नई विज्ञप्ति जारी होने तक काम नहीं करने का संकल्प लिया। वहीं कर्मचारियों से आह्वान किया कि प्राइवेट सेक्टर में जो भी समाज के लोग सफाई से जुड़े काम कर रहे हैं, उनसे भी काम बंद करने का आह्वान किया।

मेयर की सख्ती के बाद भी नहीं उठा कचरा
जयपुर नगर निगम हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर की चेतावनी के बाद भी पुलिस की निगरानी में कचरा नहीं उठा। जबकि 26 अप्रैल को ही मेयर मुनेश गुर्जर ने कहा था कि निजी कंपनी जो घर-घर कचरा उठाने का काम कर रही है, उनको अगर कोई रोकता है तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। डिपो से कचरा पुलिस की निगरानी में उठाया जाएगा। हालांकि मेयर की इस सख्ती को कोई असर नहीं दिखाई दिया। आज भी शहर में कई जगह से कचरा नहीं उठा।