जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

राजस्थान का 22 शहरों का अब तक का सबसे बड़ा सर्वे अगले 2 माह में होगा। करीब 3 लाख घरों का सर्वे होगा। 30 जून तक वह सर्वे पूरा करना है। सर्वे में 12 लाख लोग कलेक्टरों की कमेटियों की स्क्रिनिंग से गुजरेंगे। ये 12 लाख लोग करीब 1953 कच्ची बस्तियों में रहते हैं। इन पर 28 विधायकों की हार जीत निर्भर हैं। लेकिन इन बस्तियों में गुप चुप रोहिंग्या लोग बसे हैं।

विदेशी बस गए हैं। जिनके पीछे सीआईडी या राज्य की एजेंसियां लगी हैं। जिनकी राजस्थान में सर्च की जा रही हैं। जिन पर अपराध के केस दर्ज हैं। जिनकी हिस्ट्रीशीट खुली हुई है। ऐसे विदेशी, रोहिंग्या, हिस्ट्रीशीटर, अपराध वाले लोगों को चिन्हित किया जाएगा। उनको पट्टे नहीं दिए जाएंगे। यह फैसला राज्य सरकार के स्तर पर लिया है। अभी सर्वे के लिए 33 ही जिलों में कमेटियां बनेंगी। 20 से अधिक प्रकार के प्रतिबंधित क्षेत्र तय किए हैं। सर्व गलत हुआ तो और अपात्र लोगों पट्टे जारी हुए तो कलेक्टर जिम्मेदार होंगे।

हिस्ट्रीशीटर और रोहिंग्या के कब्जे के मकान ध्वस्त किए जाएंगे
प्रदेश की कच्ची बस्तियों, झुग्गियों में बड़ी संख्या में अपराधियों के घुसे होने की सूचना है। अवैध घुसपैठ से कच्चे मकान बनाकर अपराधी रह रहे हैं। उनके पास फर्जी पहचान कार्ड आदि बना रखे हैं। असली पहचान छिपा कर रहे हैं। उनकी पहचान होने पर कब्जे की जमीन के पट्टे नहीं देंगे। निर्माण जितना होगा, उसे ध्वस्त किया जाएगा या सुविधा क्षेत्र में बदला जाएगा।

नियमन में ये 6 प्रकार के प्रतिबंध भी शामिल रहेंगे

  • सीआईडी, राजकीय स्तर पर विदेशियों की सूची में शामिल व्यक्ति को पट्टा नहीं।
  • पुलिस रिकार्ड में दर्ज हिस्ट्रीशीटर एवं आपराधिक प्रकरणों में सजायाफ्ता व्यक्ति को नहीं मिलेगा।
  • रिक्त भूमि, किसी भूखंड पर बनी चार दीवारी, गैर आबाद कब्जे का नियमन नहीं किया जाएगा।
  • कब्जाधारी ने कब्जे के मकान को किराए पर दिया है तो दोनों में किसी को पट्टा नहीं मिलेगा।
  • पहले आवासीय या कामर्शियल का कोई पट्टा ले चुके लोगों को अब नहीं मिलेगा।
  • जिसने अतिक्रमित प्लाट या मकान खरीदा या बेचा है, उनके पक्ष में पट्टा जारी नहीं होगा।

इन 3 शहरों व प्रतिबंधित क्षेत्रों में कॉलोनी बसी है तो पट्टे नहीं

  • नाथद्वारा, माउंट आबू और पुष्कर की कच्ची बस्तियों का नियमन नहीं होगा।
  • मास्टर प्लान में विशेष कार्य के लिए आरक्षित जमीन, इकोलॉजिकल जोन, इको सेंसेटिव जोन, प्लांटेशन बेल्ट पर बसावट का पट्टा नहीं।
  • वन भूमि, जोहड़, तालाब, पायतान, श्मशान, कब्रिस्तान, अस्पताल, स्कूल, खेल मैदान आदि पर बसावट का नहीं मिलेगा पट्टा।
  • भारत सरकार, राज्य के किसी विभाग, उपक्रम, निगम या रेलवे की जमीन पर बसी कालोनी का नियमन नहीं होगा।
  • नदी, नाले, बहाव, कटाव आदि की कोई असुरक्षित भूमि या प्रतिबंधित श्रेणी की भूमि पर बसी कालोनी का पट्टा नहीं मिलेगा।
  • स्मारक, धरोहर आदि की प्रतिबंधित संपत्तियों पर बसी कालोनियों के पट्टे नहीं मिलेंगे।