जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

राजस्थान ललित कला अकादमी का सर्वोच्च कला सम्मान कलाविद् सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। अकादमी के सभागार में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में राजस्थान के जाने-माने 8 कलाकारों को कलाविद् सम्मान से नवाजा गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति विभाग मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, विशिष्ठ अतिथि जी.के. व्यास, कवि सम्पत सरल, पद्मश्री शाकिर अली रहे।

सभी कलाविदों को सम्मान के रूप में 50 हजार रुपए की नकद राशि, माला, श्रीफल, शॉल, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। साथ ही कला की जिन विशेष विधाओं में वे विशेषज्ञ थे, उसके बारे में भी दर्शकों को जानकारी दी गई । राजस्थान ललित कला अकादमी के अध्यक्ष लक्ष्मण व्यास ने बताया कि कला दीर्घा में सम्मानित किए गए कलाकारों की चित्र प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। साथ ही आमजन के लिए भी यह प्रदर्शनी खुली रही।

मंत्री खाचरियावास ने कहा कि हर इंसान के अंदर एक कलाकार होता ही है। राजनीति में आए लोकप्रिय नेता भी हमेशा कलाकार ही रहे है, क्योंकि लोगों को उन्होंने अपने कामों से लुभाकर ही अपना मुरीद बनाया है। भारत देश में जिसे विकास और आधुनिकता कहा जाता है उससे भी हजारों साल पुराना हमारी कला का इतिहास है । यह देश कला का गुरु कहा गया है और सभी कलाकारों को मैं यह संदेश देना चाहूंगा कि अपने जैसे कलाकार बनाईये ताकि देश में प्यार और शांति का माहौल बना रहे । ये कलाविद हुए सम्मानित कार्यक्रम में प्रो. चिन्मय मेहता, प्रो. भवानी शंकर शर्मा, शैल चोयल, प्रो. शब्बीर हसन काजी, दीपिका हाजरा, डॉ. रीटा प्रताप सुब्रतो मण्डल, महावीर स्वामी के नाम शामिल रहे । ये सभी वरिष्ठ कलाकार न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में अपनी कला के जरिए लोगों को अपना मुरीद बना चुके है।