कोटा ब्यूरो रिपोर्ट।

अब प्रदेश के सरकारी काॅलेजाें में भी प्राेफेसर हाेंगे। हाल ही उच्च शिक्षा विभाग ने 1309 एसोसिएट प्रोफेसर काे पदाेन्नत किया है। अब तक यूनिवर्सिटी में ही प्राेेफेसर हुआ करते थे। काॅलेजाें में केवल असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर ही रहते थे, जिनकी नियुक्ति व्याख्याता के ताैर पर हाेती थी। अब शुरुआत में नियुक्ति ही असिस्टेंट प्राेफेसर पद पर हाेगी। अगस्त में काॅलेजाें में 32 विषयाें के लिए 1607 शिक्षकाें ने प्राेफेसर के लिए आवेदन किया था। इनमें 1309 की पदाेन्नति दी गई है। 297 काे पात्र नहीं माना गया है।

दरअसल, काॅलेज शिक्षा विभाग ने यूजीसी एक्ट-2018 पिछले साल अपनाया है। जिसके तहत ऐसा किया है। काॅलेजाें में 2018 तक केवल लेक्चरर हाेते थे। साल 2010 के यूजीसी प्रावधान लागू किए तब पहली बार असिस्टेंट प्राेफेसर और एसाेसिएट प्राेफेसर बनाए गए थे। अब यूजीसी 2018 एक्ट लागू कर प्राेफेसर पदाें पर पदाेन्नति दी गई। कॉलेज शिक्षकों से जुड़े संगठन लगातार इसकी मांग कर रहे थे।

भास्कर एक्सपर्ट - संजय भार्गव, प्राचार्य, जेडीबी काॅलेज, काेटा

काॅलेज शिक्षकाें काे कई तरह के फायदे हाेंगे

  • ​​​​​​​एकेडमिक रिसर्च का फायदा हाेगा। अंक एकेडमिक अचीवमेंट गिने जाएंगे।
  • काॅलेजाें में 10 साल प्राेफेसर रहने पर वीसी पद के लिए आवेदन कर पाएंगे।
  • मंडल, आयोग, कमीशन अथवा उच्च संस्थानाें के सदस्य बन सकेंगे। सेमिनार में काॅलेज शिक्षकाें काे भी मुख्य वक्ता बना सकेंगे।
  • यूजीसी एल-13 से स्केल एल-14 में हाे जाएगी। जिसका वित्तीय लाभ हाेगा।
  • इनके मार्गदर्शन में रिसर्च कर रहे शाेधार्थियाें की संख्या में बढ़ाेतरी हाेगी।

काॅलेज टीचर्स ने सीएम का आभार जताया

उधर, राजकीय काॅलेज काेटा में गुरुवार काे शिक्षकाें ने मुख्यमंत्री का आभार जताया। रूक्टा के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. रघुराज परिहार ने कहा कि इससे काॅलेज शिक्षा के अकादमिक क्षेत्र में न केवल विकास होगा, नए समीकरण बनेंगे बल्कि काॅलेज शिक्षकों का मान भी बढ़ेगा। एबीआरएसएम राजस्थान (उच्च शिक्षा) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि यूजीसी रेगुलेशन 2018 प्रसारित होते ही राजस्थान में भी यह रेगुलेशन लागू करने के लिए संगठन ने लगातार सरकार से संवाद किया।