भरतपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

राजस्थान में आरक्षण की मांग को लेकर फिर आंदोलन। भरतपुर में आगरा-जयपुर नेशनल हाईवे-21 शुक्रवार शाम 7.30 बजे से जाम है। 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर माली, सैनी, कुशवाह, मौर्य समाज के लोगों ने अरोदा और बेरी गांव के बीच हाईवे को बंद कर दिया।

रातभर लोग हाईवे पर पत्थर डालकर लाठियां लिए बैठे रहे। इस बीच, संभागीय आयुक्त सांवर मल वर्मा ने शुक्रवार रात 12 बजे से शनिवार रात 12 बजे तक 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद करने के आदेश जारी कर दिए। आदेश के बाद नदबई, वैर और भुसावर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद हो गई हैं।

रोड पर पत्थर डालकर बैठे

प्रदर्शनकारी अरोदा, हंतरा और बेरी गांवों से गुजर रहे हाईवे पर जगह-जगह पत्थर और पूलियां (फसल के गट्‌ठर) डाल दिए और लाठियां लेकर नारेबाजी करते रहे।

जानकारी के अनुसार दिनभर हंगामा चलने के बाद करीब 500 लोग हाईवे पर पत्थर रखकर जाम लगा दिया और वहीं बैठ गए। ये लोग देर रात तक लाठियों के साथ मौजूद रहे और नारेबाजी करते रहे। लोग गिरफ्तार किए गए साथियों को छोड़ने और देवनारायण बोर्ड जैसा बोर्ड गठित करने की भी मांग कर रहे हैं।

भारी वाहनों को उच्चैन तिराहे से डायवर्ट किया

पुलिस ने भारी वाहनों को उच्चैन तिराहे पर ही रोक दिया। वाहनों को डायवर्ट किया गया। वहीं, डेहरा मोड़ पर जाम के हालात बन गए। आगरा से जयपुर और जयपुर से आगरा जाने वाले वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जयपुर जाने वाले वाहन भरतपुर में ही रोक दिए गए।

मांग- शनिवार को आजाद हों हिरासत में लिए लोग

इस दौरान मौके पर छात्र नेता भी पहुंच गए। राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र नेता किरोड़ी लाल सैनी ने कहा कि 5-7 साल से सैनी समाज आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहा है, लेकिन सरकार लगातार लॉलीपॉप थमाती आ रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री विधायकों ने शुक्रवार को नेशनल हाईवे 21 पर भारी पुलिस तैनात कर दी। हमने सारे दिन संघर्ष किया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, हमारे लोगों पर लाठीचार्ज किया। अब हमारे समाज में आक्रोश है।

हमने सोच लिया था कि चाहे एक मिनट के लिए करें, लेकिन हाईवे जाम जरूर करेंगे। सैनी समाज के लिए हम 12 परसेंट आरक्षण की मांग करते हैं। साथ ही ये चाहते हैं कि शनिवार का सूरज उगने से पहले हमारे गिरफ्तार किए गए या हिरासत में लिए गए साथियों को छोड़ा जाए।

अगर वे नहीं छूटे तो हम पूरे राजस्थान को जाम कर देंगे। हमारा समाज काफी पिछड़ा है। उनके पास घर तक नहीं हैं, शिक्षा के साधन नहीं हैं।

हमें एडवाइजरी बोर्ड नहीं चाहिए, जिसमें अध्यक्ष-उपाध्यक्ष नहीं

सम्राट अशोक सेना की प्रदेश उपाध्यक्ष अंजली ने कहा कि हमने नवकुश कल्याण बोर्ड के गठन की मांग रखी है। सीएम का धन्यवाद उन्होंने महात्मा फुले बोर्ड का गठन किया, लेकिन हमें एडवाइजरी बोर्ड नहीं चाहिए। इस बोर्ड में कोई अध्यक्ष उपाध्यक्ष नहीं है।

जैसे गुर्जरों के लिए देवनारायण बोर्ड बनाया गया है, वैसे ही हमें बोर्ड चाहिए। लेकिन सरकार तारीख पर तारीख दे रही है। मंत्री ने भी हमारी सीएम से मुलाकात नहीं कराई। रोहिणी कमीशन के जरिए समाज का सर्वे कराने की बात थी, लेकिन वह भी नहीं हुआ।

मंत्री मुरारी लाल ने तारीखों में अटका दिया। हमने अप्रैल में अरोदा में चक्का जाम की घोषणा की थी। हमारे संघर्ष को क्रूरता व निरंकुशता से कुचलने की कोशिश की। आंसू गैस के गोले छोड़े, वाटर कैनन का प्रयोग किया, लाठीचार्ज किया।

आरोप- समाज के नेताओं को आतंकियों की तरह पकड़ा

समाज और आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हमारे प्रतिनिधियों मुरारी लाल सैनी और शैलेंद्र कुशवाह को दूसरे राज्यों में जाकर ऐसे हिरासत में लिया, जैसे वे आतंकवादी हों। छोटे से गांव में पुलिस की 50 गाड़ियां पहुंच गईं।

जिन दो यूपी निवासी युवकों की पांच छह दिन बाद शादी है, उन्हें हिरासत में लिया गया। हमारी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।

हाईवे जाम रहेगा, लोग अपनी व्यवस्था देखें

छात्र नेता विनोद भुट्टोलिया ने कहा कि हमें अपना अधिकार मांगने का अधिकार है। हम हक की लड़ाई लड़ेंगे। अब आर-पार करेंगे। हाईवे तो जाम रहेगा। हम एंबुलेंस और जिनके साथ इमरजेंसी होगी, उन्हें रास्ता देंगे। प्रशासन का सहयोग करेंगे और अनुशासन में रहेंगे, लेकिन अब हाईवे बंद रहेगा। हम किसी भी स्थिति से गुजर सकते हैं। हाईवे से गुजरने वाले बाकी लोग अपनी व्यवस्था करें।

देर रात सड़क पर बच्चे, बुजुर्ग महिलाएं

हाईवे पर ईंटें बिछा दी गईं। जगह-जगह लकड़ियां रख दीं। युवा, बुजुर्ग, महिलाएं बैठे हैं। प्रदर्शनकारियों ने फुले आरक्षण समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी को जल्द रिहा करने की मांग की है।

शाम को झड़प के बाद हाईवे पर कब्ज़ा

पुलिस प्रदर्शनकारियों से काफी दूर है। शुक्रवार दिन भर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प की स्थिति बनी हुई थी। रमासपुर के पास जब प्रदर्शनकारी हाईवे की तरफ बढ़ने लगे तो उन्हें पुलिस ने रोकना चाहा, इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया।

पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने हाईवे की तरफ कूच किया था।