चित्तौड़गढ़ - गोपाल चतुर्वेदी 
जिले के बस्सी थाना क्षेत्र में करीब 1 वर्ष पूर्व ढाई साल की मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या करने और शव को कुएं में फेंकने के मामले में पोक्सो कोर्ट चित्तौड़गढ़ क्रमांक प्रथम के न्यायाधीश ने शुक्रवार शाम को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अभियुक्त को दुष्कर्म और हत्या का दोषी माना है तथा उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई है। वारदात के करीब 11 माह बाद कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया है। 
विशेष लोक अभियोजक पोक्सो कोर्ट चित्तौड़गढ़ शोभालाल जाट ने बताया कि 21 अप्रैल 2022 को बस्सी थाना क्षेत्र में यह वारदात हुई थी। इसमें विवाह समारोह में अपनी मां के साथ आई एक ढाई साल की मासूम को अभियुक्त उठा कर ले गया और दुष्कर्म के बाद गला दबा कर उसकी हत्या कर दी तथा शव को कुएं में फेंक दिया था। 
इस मामले में पुलिस ने बस्सी थाने पर 68/2022 के तहत विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया और अनुसंधान शुरू किया। इस मामले में अभियुक्त भीलवाड़ा जिले के बिगोद थाना क्षेत्र में आने वाले किशनपुरा गांव निवासी रमेश पुत्र नानूराम धाकड़ को गिरफ्तार किया। पुलिस के उच्च अधिकारियों के आदेश पर तथा घटना की गंभीरता को देखते हुए इस प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया। इस मामले में अनुसंधान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शाहना खानम की ओर से किया गया। पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्त को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया। इस मामले में पोक्सो कोर्ट चित्तौड़गढ़ क्रमांक-एक के नयायाधीश में अभियुक्त को दोषी पाया और शुक्रवार को सजा सुनाई है।अभियुक्त को चार अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई, जिसमें मुख्य रुप से धारा 302 में मृत्युदंड की सजा सुनाई। प्रकरण की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में 23 गवाह और 90 दस्तावेज के अलावा 14 आर्टिकल पेश किए। अभियुक्त को ढाई साल के बच्चे का लिंग काटने के मामले में भी दोषी पाया गया। अभियुक्त को सजा सुनाने के दौरान न्यायालय परिसर में हलचल भी देखने को मिली। कई अधिवक्ता भी इस मामले की सुनवाई के लिए न्यायालय परिसर में पहुंचे थे। इतना ही नहीं कि अनुसंधान अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शाहना खानम भी कोर्ट में मौजूद रही। वहीं प्रार्थी पक्ष की ओर से न्यायालय में अधिवक्ता एसपी सिंह ने पैरवी की। वही ढाई साल की मासूम पीड़िता के पिता ने न्याय मिलने पर इस फैसले पर संतोष व्यक्त किया।