जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को आंदोलनरत डॉक्टर्स ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात की। इस दौरान डॉक्टर्स ने RTH बिल को लेकर डोटासरा के सामने आपत्तियां रखी। जिस पर डोटासरा ने अधिकारियों से बातचीत के बाद ही कोई फैसला लेने की बात कही।

वहीं, अब डॉक्टर्स का प्रतिनिधिमंडल जयपुर से सीकर के लिए रवाना हो गया है। जहां सरकार के खिलाफ डॉक्टर मशाल और जागरूकता रैली निकालेंगे। इसके बाद डॉक्टर्स 7 अप्रैल को एक बार फिर जयपुर में महारैली निकाल शक्ति प्रदर्शन करेंगे। जिसमें बड़ी संख्या में डॉक्टर्स के शामिल होने की संभावना है। दरअसल, गुरुवार दोपहर में प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी के पदाधिकारियों ने बैठक कर मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी। जिसके बाद डॉक्टर्स का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास भी पहुंचा था। जहां डॉक्टर्स की ओर से वीरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री तक डॉक्टर्स की मांग पहुंचाई।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को डॉक्टर्स की समस्या सुनने के लिए अधिकृत किया था। वहीं आज राइट टू हेल्थ बिल को लेकर गोविंद सिंह डोटासरा ने डॉक्टर्स की समस्याओं की सुनवाई की है। ऐसे में अब डोटासरा भी अधिकारियो से बातचीत के बाद एक बार फिर डॉक्टर्स से बात करेंगे। उसके बाद ही इस पूरे विवाद पर अंकुश लग सकता है। वहीं, प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी के सेक्रेटरी डॉ. विजय कपूर ने बताया कि प्रदेशभर में प्राइवेट हॉस्पिटल ने सरकारी स्कीम्स को बंद करने की लिखित सहमति दे दी है। ऐसे में 1 अप्रैल से राजस्थान के सभी के प्राइवेट हॉस्पिटल में सरकारी स्कीम्स के मास डीएम्पेनेलमेंट की कार्रवाई को पूरा कर लिया जाएगा। कपूर ने कहा- रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल भी जारी है। सरकार के दबाव में कुछ रेजिडेंट भले ही काम पर लौट गए हों। लेकिन JARD ने अपनी हड़ताल को जारी रखा है। वहीं कोटा की डॉक्टर नीलम खंडेलवाल आज तीसरे दिन भी आमरण अनशन पर बैठी हुई हैं। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांग को पूरा नहीं कर देती मेरा अनशन जारी रहेगा।

इमरजेंसी में फ्री इलाज पर हो रहा है बवाल
राजस्थान बीजेपी के विरोध के बाद भी राइट टू हेल्थ बिल 21 मार्च को विधानसभा से पास हो गया है। फिलहाल इस बिल को राज्यपाल से मंजूरी मिलना बाकी है। राजस्थान देश का पहला राज्य है। जहां RTH बिल पास हुआ। इस बिल में सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज की गारंटी है। ऐसे में अब राजस्थान में इमरजेंसी की हालत में प्राइवेट हॉस्पिटल को भी फ्री इलाज करना होगा। इसके लिए प्राइवेट हॉस्पिटल में इमरजेंसी में फ्री इलाज के लिए अलग से फंड बनेगा।