जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में चार दिवसीय होलिकाउत्सव की शुरुआत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुई। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी और व्यवस्थापक मानस गोस्वामी ने सत्संग भवन में ठाकुरजी का पूजन कर इसकी शुरुआत की। इस दौरान देशभर के कलाकारों ने प्रस्तुति देते हुए खूब तालियां बटोरी। इस दौरान कुंज बिहारी जाजू ने ढूंढ़ाड़ी भाषा में अरजी म्हारी जी होली खेलण की मरजी थारी जी जैसी फाल्गुनी रचनाओं की तान छेड़ी। पं. जगदीश शर्मा ने गणेश वंदना के बाद भक्त कवि युगल की रचना पाछा सें मटकी फोड़ी या काईं की होरी रचना सुनाई। कथक नृत्य गुरु शशि सांखला के दल के कलाकारों ने नृत्य से लोगों की तालियां बटोरी। इन प्रस्तुतियों पर गायक मुन्नालाल भाट ने गायन किया।

नृत्य गुरू डॉ शशि सांखला व उनकी शिष्याओं ने गोपेश्वर नंदन नामक कृष्ण वंदना पर भावपूर्ण प्रस्तुति देकर गोविंद के दरबार में चल रहे फागोतसव कार्यक्रम में शिरकत की। विभिन्न कृष्ण लीलाओ को कथक नृत्य में पिरोकर श्रद्धालु दर्शको को भक्तिभाव से अभिभूत कर दिया। नृत्य का निर्देशन शशि सांखला ने किया। प्रस्तुति में नृत्यांगना झंकृति, निभा व राधिका ने कथक की सुंदरता जाहिर की। गायन पर मुन्ना लाल, तबले पर मुजफ्फर रहमान, सितार पर हरिहर, सारंगी पर मोइनुद्दीन और पढ़ंत पर शशि सांखला रहीं।

कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए कथक नृत्यांगना मनीषा गुलियानी ने नृत्य प्रस्तुति से हाजिरी दी। उनके साथ गायन रमेश मेवाल ने किया। नवीन शर्मा ने फागण आय गयो रे होली खेलो रसिया गाया। कुमार नरेन्द्र ने अपनी प्रसिद्ध रचना म्हारा राधा गोविंद पलकां उघाड़ो फागण आ गयो से माहौल को रंगों से सराबोर कर दिया। इसके बाद कथक नृत्यांगना स्वाति गर्ग और उनके दल ने ए री आज होरी मैं खेलूंगी डट के पद पर कथक नृत्य की प्रस्तुति दी। इसके बाद रंग डारुंगी नंद के लालन पर गीत पर उन्हीं की शिष्याओं ने नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद मैं कैसे होरी खेलूं री सांवरिया के संग गीत की प्रस्तुति दी गई।

गायत्री शर्मा ने कान्हा रंग ना डारो मोपे आज रे गाया. मूंगाराम छैला और उनके दल के कलाकारों ने लोकनृत्य प्रस्तुति दी। अदिति सोमानी और उनकी शिष्याओं ने द्रोपदी चीर हरण पर आधारित नृत्य प्रस्तुतियां दी। रेखा सैनी तथा उनकी साथी कलाकारों ने यशोदा को लाल खेले होरी गीत पर नृत्य किया। सुधाकर दवे और उनके दल के कलाकारों ने म्हे तो गुण गोविन्द का गास्यां ए मां पर नृत्य प्रस्तुत किया। दीपक माथुर और अम्बिका मिश्रा ने होरी ह रही है बिरज में आज गीत की प्रस्तुति दी। अंजू माथुर और साथी कलाकारों ने राजस्थानी गीत पगल्यां री पायलड़ी बाजे पर नृत्य प्रस्तुत किया। इसके बाद पं. अविनाश शर्मा और उनके दल के दो दर्जन कलाकारों ने शानदार नृत्य प्रस्तुति दी।