चित्तौड़गढ़ - गोपाल चतुर्वेदी
चित्तौडग़ढ़ जिले में जिला पुलिस की पहल पर श्री सांवलिया जी मंदिर ट्रस्ट की के सहयोग से एक नवाचार होने जा रहा है। जिसमें एक चौथाई दाम पर ब्रांडेड हेलमेट मिलेगा। इसके अलावा भी एक टीम बनाई जाएगी, जिसके मेंबर्स को अग्रदूत का नाम दिया जाएगा। अग्रदूत का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और हेलमेट के लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना होगा। इसको लेकर आज सोमवार को जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और जिला परिषद की एक मीटिंग आयोजित की गई। इस दौरान अजमेर के एआरटीओ और राजस्थान सरकार के सड़क सुरक्षा समिति के सलाहकार डॉ वीरेंद्र सिंह राठौड़ भी शामिल थे।
पुलिस की पहल पर श्री सांवलिया जी मंदिर ट्रस्ट के सहयोग से मिलेगा हेलमेट
अजमेर के एआरटीओ डॉ वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि चित्तौड़ में सड़क दुर्घटना और उनसे होने वाले मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। यही वृद्धि राज्य और देश में भी हो रही है। संयुक्त राज्य संघ द्वारा 2021 से 2030 तक सड़क सुरक्षा का दूसरा दशक घोषित करते हुए सभी देशों को सड़क दुर्घटना में होने वाले मौतों को कम करने का लक्ष्य दिया है। राज्य सरकार इसके लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले में 299 ग्राम पंचायत है और 11 पंचायत समिति है। यहां एक नवाचार होने जा रहा है। राजस्थान सड़क सुरक्षा सोसाइटी के प्रस्ताव पर जिला पुलिस ने पहल करते हुए श्री सांवलिया जी मंदिर ट्रस्ट के सहयोग से हेलमेट प्रोत्साहन शिक्षा जागरूकता अनिवार्य अभियान शुरू करने जा रहे हैं। 
50 लोगों को चुना जाएगा, वही होंगे अग्रदूत
इस अभियान में सड़क सुरक्षा अग्रदूत का चयन किया जाएगा। उसको ट्रेनिंग दी जाएगी। लोगों को हेलमेट एक चौथाई कीमत पर मिलेगा, लेकिन हेलमेट भी ब्रांडेड होगा। एयर वेंटीलेटर होगा, यूजर फ्रेंडली होगा। हेलमेट पर सड़क सुरक्षा अग्रदूत या अन्य संदेश लिखे होंगे। यह अग्रदूत मिलकर अपनी पंचायतों को हेलमेट युक्त, दुर्घटना मुक्त, रिफ्लेक्टिव युक्त, लाइसेंस युक्त और घायलों की मदद करने वाली अपनी एक टीम बनाएंगे। हर पंचायत से 50 लोगों को चुना जाएगा। फिर 5 से 6 पंचायतों के अग्रदूतो को एक साथ ट्रेनिंग दी जाएगी।
हर पंचायत से चुने जाएंगे अग्रदूत
उन्होंने बताया कि इसमें जिला पुलिस, पंचायती राज विभाग, जिला प्रशासन की अहम भूमिका होगी। गांव लेवल पर कमेटी बनाई गई है, जिसमें सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, स्कूल के प्रिंसिपल जैसे कई लोग होंगे। जो हर पंचायत से अग्रदूत का चयन करेंगे। 18 से 50 साल की उम्र में कोई ऐसा व्यक्ति जो सामाजिक सेवा में रुचि रखता हो, उसे अग्रदूत के लिए चुना जाएगा।