जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

मंगलवार को विधानसभा में शून्यकाल के बाद स्पीकर सीपी जोशी ने निर्दलीय वयक संयम लोढ़ा को विधानसभा सदस्यों के स्टीफ़े के मामले को लेकर लाए गए विशेषाधिकार प्रस्ताव को सदन में रखने की इज़ाज़त दे दी।  जब भाजपा के राजेंद्र राठौड़ ने इसका विरोध करते हुए यह कहा कि पहले उनकी बात सुनी जाए तो स्पीकर जोशी ने नियम 157 का हवाला देते हुए सदन को बताया कि इस नियम के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष यदि चाहे तो विशेषाधिकार प्रस्ताव सदन में लाने की आज्ञा दे सकता है और वे इसी नियम के तहत संयम लोढ़ा को इजाजत दे  रहे हैं।  इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब चाँद कटारिया ने नियम 160 में दी हुई नै व्यवस्था का उल्लेख किया तो सीपी जोशी ने स्पष्ट किया कि वे सदन को नियमनुआसार ही चला रहे हैं तथा किसी सदस्य की मनमर्जी नहीं चलेगी। जोशी ने सदन को सूचित किया कि वे अभी सिर्फ लोढ़ा को विशेषाधिकार प्रस्ताव सदन में रखने की अनुमति दे रहे हैं और इस प्रस्ताव पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है इसीलिए इस पर सदस्यों को बोलने का कोई अधिकार नहीं है। यदि इस प्रस्ताव पर कोई चर्चा हुई तो विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाएगा। इस दौरान सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के बीच जुबानी जंग को नजर अंदाज करते हुए स्पीकर जोशी विपक्ष की सभी मांगों को ख़ारिज कर दिया।