जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैन पर गंभीरता दिखाते हुए आगामी 15 दिनों के भीतर सिंगल यूज़ प्लास्टिक निर्माता उद्योगों और उनके हॉटस्पॉट क्षेत्रों का चयन कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि प्लास्टिक मानव और पशुओं सबके लिए हानिकारक है, अतः इस पर पूर्णतया नियंत्रण किया जाये। शर्मा शासन सचिवालय में सिंगल यूज प्लास्टिक के संबंध में स्वायत्त शासन विभाग द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित स्पेशल टास्क फोर्स की पांचवी समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहीं थीं। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैन के विशेष अभियान चलाकर सिंगल यूज़ प्लास्टिक के निर्माता और विक्रेताओं की पहचान कर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाए। शर्मा ने निर्देश दिए कि पड़ोसी राज्यों से अवैध रूप से राज्य में आ रहे सिंगल यूज़ प्लास्टिक को रोकने के लिए पुख्ता चैकिंग की जाये और उन विक्रताओं का पता लगाया जाये जो बाहरी राज्यों से अवैध रूप से आ रही सिंगल यूज़ प्लास्टिक का राज्य में विक्रय कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो सिंगल यूज़ प्लास्टिक से सम्बंधित उद्योग बंद किये गए हैं उनकी नियमित निगरानी भी की जाये। मुख्य सचिव ने सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आगामी 15 दिनों में सिंगल यूज़ प्लास्टिक निर्माताओं के हॉटस्पॉट क्षेत्रों का चयन कर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए इन्हें तुरंत प्रभाव से बंद करें और सिंगल यूज़ प्लास्टिक को बंद करने की दिशा में समाज और पर्यावरण के प्रति अपनी अहम जिम्मेदारी का निर्वहन करें।बैठक में निदेशक एवं विशिष्ट शासन सचिव स्थानीय निकाय विभाग हृदेश कुमार शर्मा ने बताया कि भारत सरकार की ओर से 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैन करने के पश्चात जुलाई 2022 से दिसंबर 2022 तक फील्ड निरिक्षण के दौरान 78432.954 किलो सिंगल यूज़ प्लास्टिक ज़ब्त की गई और 37 लाख 82 हजार 300 रुपए का जुर्माना वसूल किया गया। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों पर माह अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर 2022 में चार दिवसीय विशेष अभियान चलाकर कुल 20813.41 किलो सिंगल यूज़ प्लास्टिक जब्त की गई और 9 लाख 15 हजार 650 रुपए का जुर्माना वसूल किया गया। शर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा सिंगल यूज़ प्लास्टिक के संबंध में छः इकाइयों पर नियमानुसार कार्रवाई की गई है और 19 इकाइयों को कम्पोस्टेबल एवं बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक निर्माण की अनुमति प्रदान की गई हैं। उन्होंने बताया की विभाग की ओर से सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैन के संबंध में विज्ञापनों, रैलियों और पोस्टर द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाये जा रहे हैं। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग शिखर अग्रवाल उपस्थित थे। साथ ही सम्बंधित विभागों अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे।