जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
प्रदेश में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर एक बार फिर से तेज हो गया हैं।प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शीघ्र विवाद सुलझाने का दावा किया है। रंधावा ने कहा कि विवाद सुलझाने का काम मेरा है, उनका नहीं है। मैं फाइव स्टार होटल में नहीं बल्कि लोगों के बीच बैठा हूं। विवाद भी सुलझा लेंगे। गुरुवार रात को फीडबैक बैठक के बाद शुक्रवार को रंधावा जयपुर सर्किट हाउस पहुंचे। यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मेरा पहला काम संगठन को मजबूत करना है और उस दिशा में हम सब काम कर रहे हैं। संगठन की खाली पड़ी नियुक्तियों को शीघ्र भर दिया जाएगा। मैं लगातार दो दिन से नेताओं-कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर उनसे बात कर रहा हूं।फीडबैक के दौरान किसी की भी बहुत बड़ी शिकायत नहीं मिली है, छोटी मोटी चीजें चलती रहती हैं। प्रभारी रंधावा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में टिकट सर्वे के आधार पर मिलेंगे। अभी हम किसी को टिकट नहीं बांट रहे हैं। टिकट से पहले हम सर्वे करवाएंगे और फिर उसके रिजल्ट के आधार पर ही टिकट तय होगा। सर्वे के टाइम पर रंधावा ने कहा कि सर्वे तो जारी है। जिनका नंबर सर्वे में आएगा, वही टिकट के हकदार होंगे। ढाई साल से संगठन के पदों पर नियुक्तियां नहीं होने के सवाल पर रंधावा ने कहा कि अगले दो दिन में आपको ब्लॉक और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की लिस्ट मिल जाएगी। कांग्रेस में 15 जुलाई 2020 के बाद से ब्लॉक, जिले बिना पदाधिकारियों के चल रहे हैं। पायलट गुट की बगावत के समय भंग किए गए संगठन के पदों पर अब तक नियुक्तियां नहीं हुई हैं। केवल 39 प्रदेश पदाधिकारी और 13 जिलाध्यक्षों को छोड़कर संगठन में ढाई साल से पदाधिकाारी नहीं हैं। कांग्रेस में 400 ब्लॉक अध्यक्ष, 26 जिलाध्यक्ष, 2200 मंडल अध्यक्षों के पद खाली चल रहे हैं। इन सबको मिलाकर मोटे तौर पर 2500 के आस-पास नियुक्तियां होती हैं। इसके बाद जिला, ब्लॉक और मंडलों की कार्यकारिणी भी बननी है। तीनों स्तर पर कार्यकारिणी बनने से 50 हजार से ज्यादा नेताओं को पद मिलेंगे। ​गुरुवार को मंत्रियों की फीडबैक बैठक के दौरान गहलोत-पायलट के बीच विवाद का मुद्दा प्रमुखता से उठा था। कुछ मंत्रियों की राय थी कि चुनाव में जाने से पहले इस विवाद को सुलझाना जरूरी है।कई दूसरे पदाधिकारियों ने भी यह बात उठाई थी कि दोनों नेताओं के विवाद की चर्चा से ग्रास रूट स्तर तक पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ जनता में भी कंफ्यूजन बना हुआ है।