जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान में 25 सितंबर को गहलोत कैंप के विधायकों ने सियासी मोर्चा खोलते हुए सचिन पायलट को सीएम बनाने की संभावना को देखते हुए अपने इस्तीफे स्पीकर सीपी जोशी को दिए थे। इन इस्तीफों को लेकर करीब 96 दिनों तक चले कयासों के दौर बाद अब विधायकों ने इस्तीफों को वापस लेना शुरू कर दिया है। इस बीच मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भी इस्तीफे को वापस लेने का ऐलान कर दिया है।महेश जोशी को 25 सितंबर के सियासी घटनाक्रम के मामले में नोटिस मिला था। महेश जोशी ने इस्तीफा वापस लेने की बात कहते हुए यह भी साफ कर दिया है कि बजट मुख्यमंत्री के रूप में अशोक गहलोत ही पेश करेंगे। वहीं लगातार राजस्थान में जिस तरह से इस्तीफों के दबाव की राजनीति को लेकर चर्चा चल रही थी, उसे महेश जोशी ने स्वीकार भी कर लिया है। उन्होंने कहा कि राजनीति और दबाव का चोली दामन का साथ होता है। महेश जोशी ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि विधायकों ने इस्तीफे वापस लिए हैं। इस्तीफ़ों की बात अलग है, लेकिन राजनीति में कोई एक ऐसा क्षण नहीं होता जब दबाव नहीं होता। जोशी ने कहा कि कोई सरकार हो ,किसी पार्टी की हो, दबाव और राजनीति का चोली दामन का साथ है। उन्होंने बजट पेश करने के सवाल पर कहा कि राज्यपाल, मुख्यमंत्री एक संस्था हैं। 23 जनवरी से जो सत्र शुरू होने जा रहा है उसमें मुख्यमंत्री के रूप में अशोक गहलोत ही बजट पेश करेंगे। कांग्रेस सरकार जन भावना के अनुसार बजट बनाकर जनता को राहत देगी। महेश जोशी ने कहा कि वैसे भी राजस्थान में विधानसभा सत्र शुरू होने जा रहा है, ऐसे में अगर विधायक इस्तीफा वापस लेंगे तो विधानसभा सत्र में सौहार्द के साथ बैठेंगे। उन्होंने कहा कि जब सभी विधायक इस्तीफा वापस ले रहे हैं तो मैं भी विचार कर रहा हूं, सबके साथ मैं भी हूं। जोशी ने कहा कि जनता को राहुल गांधी, हमारे प्रभारी और मुख्यमंत्री ने मैसेज दिया है कि राजस्थान में पूरी कांग्रेस एक है। भारत जोड़ो यात्रा जिस भव्य तरीके से राजस्थान से निकली है, वह कल्पना से भी अच्छी थी। जनता का इस यात्रा को जो समर्थन मिला वह अपने आप में जनता का वही संदेश है जो अशोक गहलोत ने 2018 के चुनाव से पहले कहा था कि ख़लक की आवाज ही खुद की आवाज है।