जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
देश के प्रतिष्ठित साहित्यकार, सौ से अधिक पुस्तकों के लेखक और विधिवेत्ता डॉ. संजीव कुमार और वरिष्ठ व्यंग्यकार फारूक आफरीदी के साहित्यिक क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए विकल्प जन सांस्कृतिक मंच कोटा द्वारा ‘सूर्यमल्ल मीसण‘ सम्मान प्रदान किया गया। मुख्य अतिथि डॉ संजीव कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय वांग्मय को समृद्ध बनाने में कवियों का उल्लेखनीय योगदान रहा है। कविता ने सामाजिक जीवन में परिवर्तन और शुचिता लाने में महती भूमिका निभाई है। 
उन्होंने कहा कि सृजन क्षेत्र में चिंतन का सर्वाधिक महत्व है और साहित्य को ठोस कसौटी पर कसने से ही रचनाशीलता को सम्मान दिलाया जा सकता है। उत्कृष्ट साहित्य सृजन से ही पाठकों में रचनाशीलता के प्रति अभिरुचि जागृत की जा सकती है। सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ व्यंग्यकार और कवि फारूक आफरीदी ने कहा कि वर्तमान समय में समाज में बढ़ती घृणा, हिंसा, असहिष्णुता पर अंकुश लगाना है तो समाज सापेक्ष साहित्य सर्जन जरूरी है। हमारे साहित्य सृजकों ने सदियों से शांति, सद्भाव, अहिंसा और सहिष्णुता का संदेश देकर मनुष्य का गौरव बढ़ाया एवं हमारी संस्कृति को समृद्ध किया है। हम कबीर के रास्ते पर चलकर ही समाज में स्वस्थ जीवन मूल्यों की पुनस्र्थापना कर सकते हैं। समारोह में विकल्प संस्था के अध्यक्ष जन कवि किशन लाल वर्मा, कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ कवि अम्बिकादत्त चतुर्वेदी और महासचिव महेंद्र नेह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें अंबिकादत्त, किशन वर्मा, महेंद्र नेह, नागेंद्र कुमावत, डॉ कृष्ण कुमार, हलीम आईना, चांद शेरी, राम नारायण हलधर, शरद तैलंग, डॉ अतुल चतुर्वेदी, निशांत मिश्रा, अहमद सिराज फारूकी, वेद प्रकाश, परकास सांघी जहान्वी, डाॅ संजीव कुमार शामिल थे। व्यंग्यकार फारूक आफरीदी ने अपनी व्यंग्य रचना ‘असली आजादी‘ का पठन किया।इससे पूर्व राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर और सारंग साहित्य समिति, कोटा द्वारा कबीर पारख संस्थान में संभागीय रचनाकार सम्मेलन में डाॅ संजीव कुमार और फारूक आफरीदी का सम्मान किया गया। सम्मेलन में विभिन्न साहित्यिक सत्रों का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।