जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
अरूणाचल के परशुराम कुण्ड पर 51फीट की मूर्ति स्थापना सूचना तथा भगवान परशुराम के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने को निकला विप्र फाऊंडेशन का अमृत भारत रथ 61 दिनों की यात्रा पूरी कर 8 जनवरी को जयपुर पहुंचेगा। रथ के जयपुर आगमन पर  इस दिन विप्र फाउंडेशन जय-जय परशुराम नामक महामहोत्सव आयोजन करने जा रहा हैं। इस महामहोत्सव में संत समागम, वैदिक अनुष्ठान के जानकर आचार्य, विद्वतजनों के साथ प्रदेश भर से हजारों विप्रजन जुटेंगे। देशभर से भी संगठन से जुड़ेे विप्रजन महामहोत्सव में पहुंचेंगे।
विप्र फाउंडेशन के संस्थापक सुशील ओझा ने महामहोत्सव की तैयारी के लिए स्थापित कैम्प कार्यालय उद्घाटन अवसर पर यह जानकारी देते हुए बताया कि कांचीपुरम से अरुणाचल स्थित परशुराम कुंड के लिए आठ नवम्बर को रवाना हुई। इस यात्रा के 61 दिन का पहला चरण जयपुर में पूरा हो जाएगा। कुछ दिनों विश्राम के बाद यात्रा दूसरे चरण में जयपुर से अरुणाचल के लिए प्रस्थान करेगी।उन्होंने बताया कि विप्र फाउंडेशन एक ऐसा सौभाग्यशाली संगठन हैं जिसे परशुराम कुंड क्षेत्र को देश के बड़े तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने के पुण्य मिशन में केंद्र व अरुणाचल सरकार ने सहभागी बनाया हैं। विप्र फाउंडेशन यहां 11 करोड़ रुपए खर्च कर भगवान परशुराम जी की 51 फीट ऊंची मूर्ति के अलावा यात्रियों को ठहरने के लिए गेस्ट हाऊस, गौशाला आदि का निर्माण करेगा। भगवान परशुराम जी की सौम्य मूर्ति मानेसर में तैयार हो रही हैं। इस मूर्ति को अंतिम रूप देने में  राजस्थान के प्रसिद्ध मूर्तिकार नरेश मातूराम कुमावत जुटे हुए हैं। ओझा ने जानकारी दी कि लोहित नदी के बीच लगने वाली इस मूर्ति का भूमि पूजन 21 मई को देश के गृहमंत्री अमित शाह के कर कमलों से हो चुका हैं। यात्रा के समापन पर मूर्ति की स्थापना हो जाएगी। स्थापना पर वाराणसी व उज्जैन जैसा भव्य समारोह हो इसके लिए विप्र फाउंडेशन के साथ अरुणाचल सरकार प्रयासरत हैं। उन्होंने परशुराम कुंड रथ यात्रा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस तीर्थ स्थल के धार्मिक एवं पौराणिक महत्व के बारे में समाज का बड़ा तबका अनभिज्ञ है, इसीलिए पीले चावल व आमंत्रण पत्र देकर आमजन को परशुराम कुंड की यात्रा आग्रह कर प्रेरित किया जा रहा है। यात्रा के माध्यम से ये भी जन जागृति की जा रही हैं कि भगवान किसी जाति विशेष के लिए नहीं होते। भगवान विष्णु के छठें अवतार चिरंजीवीं भगवान परशुराम भी सर्वसमाज के पूजनीय हैं। समाज को बांटने की नीति के चलते समरसता के प्रतीक परशुराम को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया। इस अवधारणा को समाप्त करने का हमारा प्रयास है। इसी सोच को मद्देनजर सर्वसमाज से मूर्ति स्थापना निमित सहयोग निधि ली जा रही है ताकि वे भी अपना जुड़ाव महसूस कर सके। इस बीच परशुराम कुंड आमंत्रण यात्रा का अमृत भारत रथ कल 29 नवम्बर को मध्यप्रदेश से लगी सीमा से दानपुर जिला बांसवाड़ा के रास्ते राजस्थान में प्रवेश कर गया। ये रथ प्रदेश के सभी जिलों तथा पड़ौसी राज्य हरियाणा में भ्रमण के बाद 8 जनवरी को जयपुर पहुंचेगा। राजस्थान जोन -1 प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट राजेश कर्नल ने बताया कि "जय-जय परशुराम" सर्वमंगल महामहोत्सव के लिए जयपुर में श्यामनगर जनपथ पर स्थापित कैम्प कार्यालय के शुभारंभ अवसर पर विप्र फाउंडेशन संस्थापक सुशील ओझा के अलावा भाजपा नेता सांसद घनश्याम तिवाड़ी, जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी, समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्ष डॉ.अर्चना शर्मा, मोती डूंगरी के महंत कैलाश शर्मा, विप्र फाउंडेशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीर प्रसाद शर्मा,पूर्व विधायक एवं विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकरलाल शर्मा, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा, दीपक पारीक, राष्ट्रीय सचिव विनोद अमन, परमेश्वर शर्मा, हरियाणा गौड़ ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिरदीचंद शर्मा, पत्रकार गोपाल शर्मा, डॉ. शिव गौतम, के.डी.शर्मा,विप्र फाउंडेशन के अनेक पदाधिकारी व सम्मानित विप्रजन मौजूद थे।