जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर आज जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में राज्य सरकार की ओर से देश की पांच प्रख्यात गांधीवादी विभूतियों को गांधी सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह सम्मान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मार्गदर्शी सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने और इनके अनुशीलन एवं अनुपालना की दिशा में अतुलनीय योगदान देने वाली शख्सियतों को सम्मानित करने की सोच के साथ शुरू किया है। 
वर्ष 2022 के लिए यह सम्मान देश के विख्यात गांधीवादी डॉ.एस.एन. सुब्बाराव (बैंगलुरू) (मरणोपरांत), जोधपुर के नेमीचंद जैन भावुक (मरणोपरांत), वाराणसी के अमरनाथ भाई, दिल्ली के कुमार प्रशांत एवं जयपुर के डॉ. डी. आर. मेहता को दिया जाएगा।
सम्मान स्वरूप प्रशस्ति पत्र और पांच लाख रूपये की राशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुख्य आतिथ्य में होने वाले राज्य स्तरीय समारोह में प्रातः 9 बजे सर्वधर्म प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया जाएगा। 
इस सभा में गांधी के प्रिय भजनों का भी गायन किया जाएगा। इस कार्यक्रम का फेसबुक, यूट्यूब सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव प्रसारण किया जाएगा। गांधी जयंती के अवसर पर सांप्रदायिक सौहार्द और सद्भाव की द्वष्टि से जिला एवं उपखण्ड स्तर पर भी सर्वधर्म प्रार्थना सभाएं आयोजित की जा रही हैं। इसमें धर्मगुरू, प्रबुद्धजन, जनप्रतिनिधियों, स्वयं सहायता समूह सहित अन्य गणमान्यजन को आमंत्रित किया गया है। डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों द्वारा इसमें भागीदारी कर विश्व कीर्तिमान बनाए जाने की संभावना है। इससे पहले शासन सचिवालय में प्रातः 7.30 बजे एवं गांधी सर्किल, जेएलएन मार्ग पर प्रातः 8ः10 बजे श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। 

जिलों में भी गांधीवादी विचारकों का होगा सम्मान।

गांधी जयंती के अवसर पर प्रदेशभर में स्कूल एवं कॉलेजों के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। व्यापक स्तर पर आयोजित इन कार्यक्रमों में सर्वधर्म प्रार्थना सभा के साथ ही गांधीवादी सिद्धांतों से जुड़ी अन्य गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी। जिला स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में जिले के गांधीवादी विचारकों को सम्मानित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां शांति एवं अहिंसा विभाग का गठन किया गया है। 


डॉ. एस.एन. सुब्बाराव।

डॉ. एसएन सुब्बाराव का जन्म 7 फरवरी, 1929 को बैंगलुरू में हुआ था। स्कूल शिक्षा के दौरान से ही डॉ. सुब्बाराव महात्मा गांधीजी के सिद्धांतों से प्रभावित हुए और उनके बताए मार्ग पर चलना शुरू कर दिया। डॉ. सुब्बाराव ने गांधीवादी तरीकों से भारत के स्वाधीनता आंदोलन में बढ़-चढ़कर योगदान दिया। उन्हें सड़कों पर ‘क्विट इंडिया‘ नारा लिखने के आरोप में मात्र 13 वर्ष की आयु में ही ब्रिटिश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। डॉ. सुब्बाराव ने महात्मा गांधी सेवा आश्रम की स्थापना की। उनसे प्रभावित होकर चंबल क्षेत्र के बहुत से डकैतों ने समर्पण किया था। डॉ. सुब्बाराव गांधी पीस फाउण्डेशन के आजीवन सदस्य रहे। उन्होंने वर्ष 1993 से 1995 तक सद्भावना रेल यात्रा प्रारंभ कर 21 राज्यों की यात्रा की और राष्ट्रीय एकता एवं साम्प्रदायिक सदभाव का संदेश प्रसारित किया। उन्होंने मॉस्को, अफ्रीका, अमेरिका, जर्मनी और कनाडा सहित अन्य देशों तथा संयुक्त राष्ट्र में शांति और सद्भावना से जुडे़ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। डॉ. सुब्बाराव ने अपना सम्पूर्ण जीवन गांधीवादी विचारों और आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने में समर्पित कर दिया।

अमरनाथ भाई।

प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक अमरनाथ भाई का जन्म 1 जुलाई, 1933 को हुआ। छात्र जीवन में ही विनोबा के भूदान, ग्रामदान, ग्राम स्वराज एवं सर्वोदय आंदोलन से प्रभावित होकर उन्होंने स्नातक की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और आंदोलन में शामिल हो गए। अमरनाथ भाईजी ने सर्व सेवा संघ के अखिल भारतीय शांति मण्डल में शांति सेना, तरूण शांति सेना आदि संगठनों में प्रशिक्षण सहित अन्य कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। देश में साम्प्रदायिक दंगों के समय शांति और सद्भाव की स्थापना में उनकी अहम भूमिका रही। उन्होंने सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष, मंत्री सहित संघ की विभिन्न समितियों के संयोजक के दायित्वों का निर्वहन किया। 

स्व. नेमीचंद्र जैन भावुक।

प्रख्यात गांधीवादी नेमीचंद्र जैन भावुक का जन्म 25 जुलाई, 1928 को जोधपुर में हुआ। स्व. नेमीचंद्र जैन की साहित्य में गहन रूचि थी। उन्होंने झरना, नवनिर्माण, चेतन प्रहरी सहित कई पत्र-पत्रिकाओं में लेखन, सम्पादन एवं प्रकाशन किया। उन्हें विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। स्व. जैन स्वतंत्रता संग्राम की वानर सेना के सदस्य रहे और भूदान आंदोलन में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई। उन्होंने 1956 में गांधी अध्ययन केंद्र की स्थापना की और सर्वोदय विचार परीक्षाओं का आयोजन किया। स्व. जैन ने अमेरिका के गांधी के रूप में विख्यात मार्टिन लूथर किंग के साथ भी समय बिताया। वे अंतिम समय तक बापू के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने में जुटे रहे।

कुमार प्रशांत।

कुमार प्रशांत जाने-माने गांधीवादी चिंतक एवं विचारक हैं। वे सर्वोदय के संस्थापक कार्यकर्ताओं में से हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय युवा संगठन जैसा गांधीवादी संगठन स्थापित करने में अहम योगदान दिया। यह संगठन साम्प्रदायिक सौहार्द एवं सद्भावना की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कुमार प्रशांत धर्मयुग और नवनीत जैसे प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादक रहे हैं और ख्यातिप्राप्त कवि एवं लेखक हैं। 

डॉ. डीआर मेहता।

जोधपुर में 25 जून, 1937 को जन्मे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. डीआर मेहता एक प्रख्यात समाजसेवी हैं। वे भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक है। यह संस्था दिव्यांगजन को कृृत्रिम अंग एवं सहायता उपकरण निशुल्क उपलब्ध करवाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। इस संस्था के माध्यम से अब तक करीब 10 लाख दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया है। मेहता को समाज सेवा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने पर पदमभूषण, राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार सहित अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।