जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
प्रदेश में पोस्टिंग को लेकर दो राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) और राजस्थान नगरपालिका सर्विस (आरएमएस ) के अधिकारियों के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने आरएमएस  एक अधिकारी को पिछले दिनों  जोधपुर विकास प्राधिकरण में (जेडीए) में उपायुक्त के पद पर लगाया। इसके बाद आरएएस अधिकारी अपनी एसोसिएशन के माध्यम से इसके विरोध में आ गए हैं । वहीं आरएएस एसोसिएशन के विरोध को देखते हुए आरएमएस के अधिकारियों एसोसिएशन ने भी अपना मोर्चा खोल दिया है । आरएएस और आरएमएस दोनों संगठन के पदाधिकारियों ने अपने-अपने कैडर के वचर्स्व को बनाए रखने के लिए अलग-अलग बैठकें की, जिसमें आगे की लड़ाई लड़ने की रणनीति बनाई। बैठक के बाद राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद के महासचिव प्रवीण मील ने कहां कि जिस तरह से आरएएस कैडर की पोस्ट पर अन्य सेवाओं के लोगों को लगाया जा रहा है वह ठीक नहीं है। हम सभी ने बैठक करके निर्णय किया है कि एक पत्र इस संबंध में लिखेंगे, जिसे उच्च स्तर तक पहुंचाएंगे। इसमें इस तरह के आदेशों को तत्काल प्रभाव से रोकने की मांग करेंगे। आरएएस  एसोसिएशन के महासचिव मील ने कहा कि अगर कोई यह दावा करता है कि एक्ट में आरएमएस को आरएएस कैडर की पोस्ट पर लगाने का कोई प्रावधान है तो पहले उस एक्ट को लागू करने के नियम बनाए। उन नियमों में उस आरएएस के कैडर की पोस्ट को वहां से हटाया जाए, तब जाकर अन्य सेवा के अधिकारी को लगाए।वहीं दूसरी ओर आरएमएस अधिकारियों के संगठन ने भी इस मामले पर बैठक की। इसमें संगठन अध्यक्ष धर्मपाल जाट ने बताया कि एक्ट में यह प्रावधान है कि आरएमएस अधिकारियों को नगर पालिकाओं के अलावा यूआईटी या विकास प्राधिकरण में डिप्टी कमिश्नर के पद पर लगाया जा सकता है। एक्ट में यह प्रावधान करीब 10 साल पहले हुआ था। लेकिन आज ये पहली बार इसकी अवहेलना की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर आरएएस कैडर के अधिकारी इसका विरोध करते है तो हम भी ऐसे आरएएस अधिकारियों सूची जारी करेंगे, जिन्हें कैडर के विपरित पदों पर लगा रखा है। दरअसल स्वायत्त शासन विभाग ने गत दिनों एक आदेश जारी कर सीकर नगर परिषद के कमिश्नर श्रवण कुमार विश्नोई को जोधपुर जेडीए में डिप्टी कमिश्नर के पद पर लगाया है। बस यही आदेश आरएएस अधिकारियों को पच नहीं रहा है। विश्नोई कांग्रेस के एक बड़े नेता के आदमी है, जिसके कारण आरएएस अधिकारियों का दल उक्त मंत्री से भी मिला, लेकिन वहां उनकी दाल नहीं गली। इसके बाद एसोसिएशन के अधिकारियों ने इस मामले को लेकर मोर्चा खोला है पर इसका परिणाम क्या आएगा यह सबको पता है।