जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर पर्यवेक्षक मलिकार्जुन खड़गे और प्रभारी अजय माकन की मौजूदगी के दौरान कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के मामले में उठे राजनीतिक विवाद अब खत्म होता दिख रहा है। 25 सितंबर को सीएम निवास की जगह संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर समानांतर विधायक दल की बैठक के लिए विधायकों को बुलाने के मामले में तीन नेताओं को गुरुवार तक अनुशासन समिति को जवाब देना था। लेकिन गुरुवार तक अनुशासन समिति के पास किसी का भी जवाब नहीं मिला था। कथित रूप से सरकारी मुख्य सचेतक और जलदाय मंत्री महेश जोशी को ई-मेल से नोटिस ही गुरूवार को ही मिला। 27 सितंबर को कांग्रेस अनुशासन समिति के सचिव तारिक अनवर ने संसदीय  कार्य मंत्री शांति धारीवाल, सरकारी मुख्य सचेतक और जलदाय मंत्री डॉ.महेश जोशी और आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब मांगा था।सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी शुरू से ही नोटिस नहीं मिलने का दावा कर रहे थे। गुरुवार को कांग्रेस अनुशासन समिति के सदस्य तारिक अनवर की ई-मेल आईडी से उन्हें नोटिस मिला। अब महेश जोशी ने शुक्रवार को नोटिस का जवाब देने की बात कही है। डॉ.महेश जोशी को नोटिस भेजने में गफलत सामने आई है। इसके कारण उन्हें आखिरी दिन नोटिस मिला है, जबकि 27 सितंबर को जारी हुए नोटिस का जवाब देने की समय सीमा खत्म हो रही है। डॉ.जोशी ने ई-मेल पर नोटिस मिलने की पुष्टि करते हुए इसकी सूचना मेल से रिप्लाई की है। कांग्रेस अनुशासन समिति के सचिव अनवर ने कहा कि तीन नेताओं में से अभी तक किसी का भी जवाब नहीं मिला है। हो सकता है 9 दिन नवरात्र की पूजा पाठ होने की वजह से जवाब में देरी हो रही हो, मेरा मानना है कि तीनों के जवाब शीघ्र आ जाएंगे।कांग्रेस अनुशासन समिति के सचिव अनवर ने कहा कि जवाब आने के बाद अनुशासन कमेटी की बैठक बुलाकर देखा जाएगा कि उनके जवाब संतोषजनक है या नहीं। हमारे पर्यवेक्षक ने जो रिपोर्ट दी है वही उसका आधार है,रिपोर्ट में जो आरोप लगाए उसके आधार पर वो नोटिस का क्या जवाब देते हैं इस पर आगे का एक्शन तय होगा। अगर उनका जवाब संतोषजनक होगा तो माफ भी किया जा सकता है। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल और आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस अनुशासन समिति को नोटिस का जवाब भेज दिया है। तीनों नेताओं ने शुरू से ही अनुशासनहीनता से इंकार करते हुए अपना बचाव किया था। नोटिस के जवाब में भी अनुशासनहीनता से इंकार करते हुए संसदीय कार्य मंत्री धारीवाल ने नोटिस में उठाए गए बिंदुओं का जवाब दिया है। इस रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस अनुशासन समिति ने 27 सितंबर को तीन नेताओं को नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब मांगा। इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 29 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर माफी मांगी थी। माना जा रहा है तीनों को दिखावटी सजा देकर छोड़ दिया जाएगा।