जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजधानी जयपुर में नामी आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया के कई ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली से आई ईडी की टीम शहर के अलग-अलग ठिकानों पर कार्रवाई कर रही है। अनूप बरतरिया वाटर पार्क ग्रुप से जुड़े हुए हैं। उनके गोपालपुरा स्थित आवास पर भी ईडी की टीम छापेमारी कर पूछताछ व जांच कर रही है। अनूप के साथ ही उनके भाई वीरेंद्र से जुड़े हुए ठिकानों पर भी ईडी की टीम की ओर से कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत के चलते ईडी की ओर से यह कार्रवाई की जा रही है। हालांकि ईडी ने प्रकरण किस संदर्भ में दर्ज किया है अभी इसका खुलासा नहीं किया गया है। गुरूवार से जारी कार्रवाई अभी तक लगातार जारी है और ईडी की टीम अनूप के मकान, दफ्तर व अन्य ठिकानों पर मौजूद है। कार्रवाई के दौरान बाहर के किसी भी व्यक्ति को अनूप बरतरिया के आवास व अन्य ठिकानों पर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। अनूप बरतरिया कोटा नगर विकास न्यास स्मार्ट सिटी की तरफ से करवाए जा रहे हजारों करोड़ रुपए के कार्यों के आर्किटेक्ट हैं। कोटा में चंबल नदी पर बन रहे 1000 करोड़ के हेरिटेज रिवरफ्रंट, 100 करोड़ के कोटा सिटी पार्क ऑक्सीजोन, एरोड्रम सर्किल, घोड़े वाले बाबा चौराहा, विवेकानंद सर्किल, सुभाष लाइब्रेरी, गवर्नमेंट कॉलेज बिल्डिंग, अंटाघर चौराहा, गोबरिया बावड़ी, अनंतपुरा व इंदिरा गांधी फ्लाईओवर जयपुर गोल्डन और मल्टीपरपज पार्किंग की डिजाइन भी अनूप बरतरिया ने की है। इसके अलावा जेडीबी कॉलेज के सामने महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल और जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा, महाराणा प्रताप चौराहे पर घूमता हुआ फ्लाईओवर, किशोर सागर तालाब में पानी के बीच में घोड़े लगाना, सालीम सिंह की हवेली, सीबी गार्डन का डेवलपमेंट सहित कई कार्यों की भी डिजाइन उन्होंने ही बनाई है। प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के निर्देशन में पूरा कार्य डिजाइनिंग का अनूप बरतरिया देख रहे हैं। इसके अलावा कोटा शहर के एमबीएस और जेके लोन अस्पताल में हेरिटेज और ओपीडी आईपीडी की बिल्डिंग का भी कार्य वही देख रहे हैं। इसके साथ ही एमबीएस अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग की फसाड लाइट को बदलने का कार्य भी बरतरिया की आर्किटेक्ट डिजाइन पर हो रहा है।
उल्लेखनीय है बरतरिया पहली बार राजे शासन में वर्ल्ड ट्रेड पार्क में दुबई से हुए निवेश को लेकर चर्चा में आए थे लेकिन इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।