जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की निवेश हितैषी नीतियों से ही राज्य में बड़े स्तर पर निवेश हो रहे हैं। यहां का नीतिगत ढांचा निवेशकों के अनुरूप होने के साथ-साथ उत्कृष्ट सड़क तंत्र एवं गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन ने राज्य में निवेश लाने में महत्ती भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री जेईसीसी में इन्वेस्ट राजस्थान समिट-2022 सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। सिंगल विन्डो सिस्टम एवं वन स्टॉप शॉप से उद्योग स्थापित करने के लिए आवश्यक अनुमतियां मिलनी आसान हुई है। गहलोत ने कहा कि राज्य में लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम (स्थापना एवं प्रवर्तन का सुकरीकरण) अधिनियम के तहत नए उद्योग स्थापित करने के लिए जरूरी अनुमोदनों में 3 वर्ष की छूट दी गई। इसे अब बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया गया है। कोरोनाकाल में छोटे उद्योगों को बंद होने से बचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा आर्थिक संबल दिया गया। राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं के कारण राज्य में लैबर अनरेस्ट की भी कोई स्थिति नहीं है।
इन्वेस्ट राजस्थान से आ रहा बड़ा निवेश।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दो दिवसीय इन्वेस्ट राजस्थान समिट से राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है। उन्होंने कहा कि समिट से पूर्व ही निवेशकों के साथ राज्य सरकार द्वारा लगभग 11 लाख करोड़ रूपये के एमओयू कर लिए गए हैं। इसके जरिए लगभग 10 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पहली बार ‘‘कमिटेड एण्ड डिलिवर्ड’’ की थीम पर प्राथमिकता के साथ एमओयू साईन किए गए हैं।
निवेशकों के लिए राजस्थान उत्तम विकल्प।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राजस्थान निवेशकों के लिए श्रेष्ठ विकल्प बनकर उभरा है। सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के उत्पादन में राज्य पूरे देश में अग्रणी है। खनिज सम्पदा भी राज्य में सर्वाधिक है। प्राकृतिक संसाधनों में साथ-साथ उत्कृष्ट मानव संसाधन भी राज्य में विद्यमान है। रिफाइनरी के निर्माण से पेट्रोकेमिकल्स के क्षेत्र में राज्य में अपार संभावनाएं हैं।
राजस्थान स्थापित कर रहा विकास के नए आयाम।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से राजस्थान आज सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति कर रहा है। कोरोना महामारी में आयी दिक्कतों में बावजूद राज्य की जीडीपी में 3 लाख करोड़ रूपए की बढ़ोतरी हुई है। इससे राज्य की प्रति व्यक्ति आय के साथ-साथ हैप्पीनेस इंडेक्स में भी वृद्धि हुई है। आज रीको (राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रीयल डवलपमेंट एण्ड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन) की 390 इकाईयां राज्य में संचालित है तथा 147 नई खुलने जा रही है। इससे औद्योगिकीकरण का विस्तार उपखण्ड व तहसील स्तर तक हो जाएगा। राज्य सरकार, सीआईआई (चेम्बर ऑफ इण्डियन इण्डस्ट्रीज) के साथ बेहतरीन समन्वय के साथ कार्य कर रही है। तकनीकी उद्योगों के लिए युवा विशेषज्ञ उपलब्ध कराने हेतु फिनटेक पार्क, जयपुर, राजीव गांधी फिनटेक डिजीटल इन्स्टीट्यूट (जोधपुर) जैसे संस्थान का निर्माण किया जा रहा है। स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए जयपुर, जोधपुर व कोटा में इनोवेशन हब की स्थापना की जा रही है।
76 औद्योगिक क्षेत्रों व इकाइयों का लोकार्पण व शिलान्यास।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य में विभिन्न जिलों में 25 औद्योगिक क्षेत्रों का लोकार्पण किया। साथ ही उन्होंने 18 औद्योगिक इकाईयों का लोकार्पण व 33 औद्योगिक इकाईयों का शिलाल्यास भी किया। उक्त शिलान्यास व लोकार्पण से जहां एक ओर राज्य में विभिन्न जिलों में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी वहीं स्थानीय स्तर पर रोजगार व राजस्व में वृद्धि होगी। 
स्वास्थ्य में राजस्थान बन रहा मॉडल स्टेट।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आमजन को महंगे उपचार से मुक्ति दिलाने के लिए चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की है। इसके माध्यम से आमजन को 10 लाख रूपए तक का निःशुल्क उपचार मिल रहा है। किडनी, हार्ट, लीवर ट्रांसप्लांट जैसे महंगे इलाज में 10 लाख की सीमा समाप्त कर दी गई है। साथ ही, 5 लाख रूपए तक का दुर्घटना बीमा भी दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा आईपीडी, ओपीडी में सभी प्रकार के उपचार निःशुल्क कर दिए गए हैं। प्रदेश में आमजन की सिटी स्केन, एम.आर.आई. स्केन जैसी महंगी जांचें निःशुल्क की जा रही हैं। इन ऐतिहासिक निर्णयों से राज्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक मॉडल स्टेट बन कर उभरा है। 
महिला मुखियाओं को प्रदेश सरकार देगी मुफ्त स्मार्टफोन।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 1.33 करोड़ परिवारों की महिला मुखियाओं को निःशुल्क स्मार्टफोन दिए जाएंगे। इसके साथ 3 साल के लिए मुफ्त इंटरनेट सेवाएं भी दी जाएगी। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की इस पहल से प्रदेश की महिलाओं एवं बच्चों को डिजिटल युग से जोड़ा जा सकेगा। 
ईआरसीपी को मिले राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए। राज्य के पास सीमित जल संसाधन है। चम्बल एक मात्र सालभर बहने वाली नदी हैं। राज्य के 13 जिलों में सिंचाई व पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ईआरसीपी अत्यन्त महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री जी स्वयं अपनी सभाओं में ईआरसीपी को नेशनल प्रोजेक्ट का दर्जा देने की बात कह चुके हैं। उनके द्वारा ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की जा रही देरी से पचपदरा रिफाईनरी की तरह इसकी लागत कई गुना बढ़ने की संभावना है। इससे राज्य के संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि आज राजस्थान में 89 विश्वविद्यालय हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा प्रदेश में 210 महाविद्यालय खोले गए हैं, जिनमें 90 कन्या महाविद्यालय शामिल हैं। साथ ही, विद्यालयों में 500 बालिकाओं के नामांकन होने पर महाविद्यालय बनाने का बड़ा निर्णय लेकर बालिका शिक्षा प्रोत्साहन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।