चित्तौड़गढ़-गोपाल चतुर्वेदी।
चित्तौड़गढ़ में नगर परिषद की ओर से 10 दिवसीय दशहरे मेले का आगाज  बुधवार को हुआ। जिसमें नगर परिषद की ओर से दावे के अनुसार 72 फीट ऊंचे रावण के पुतले के साथ उसके भाई कुंभकरण और बेटे मेघनाथ के पुत्र का भी दहन किया गया। जिसमें दशहरे मेले के इतिहास में पहली बार रावण का पुतला उसके भाई कुंभकरण के पुतले से पहले ही धू -धू करके जल उठा। 
उसके कुछ देर के बाद कुंभकरण के पुतले में आग लगाई गई। इस मेले में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ  की ऊंचाई को लेकर भी कई तरह के चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।  जिसमें नगर परिषद की ओर से 72 फीट रावण के पुतले के तहत करने को लेकर प्रचार किया गया। रावण के पुतले की ऊंचाई करीब 55 फिट होने की चर्चाएं भी तेजी के साथ सुनाई दी। वहीं कुंभकरण और मेघनाथ के पुत्रों की ऊंचाई को लेकर भी अब संदेह उत्पन्न हो गया है। इसके बारे में जानकारों ने बताया कि जिस तरह से 72 फीट ऊंचे रावण के पुतले को जलाने का दावा और प्रचार नगर परिषद की ओर से किया गया है। वह गले नहीं उतर रहा है क्योंकि 72 फीट ऊंचा रावण का पुतला होना का दावा गले नहीं उतर रहा है। कुल मिलाकर इस वर्ष के 10 दिवसीय दशहरे मेले का आगाज भी कहीं ना कहीं एक बड़े विवाद के बीच हुआ है और आने वाले 9 दिन किस तरह से नए विवादों को जन्म देते हैं यह आने वाले समय ही बताएगा जिसके लिए आगामी 9 दिनों तक इंतजार करना होगा l