जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान में मचे सियासी घटनाक्रम के बाद कांग्रेस नेताओं के बयानबाजी का दौर लगातार जारी है। अशोक गहलोत के समर्थन में इस्तीफा देने वाले चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने बयान देकर एक बार फिर से सियासत को गरमा दिया है। परसादी लाल मीणा ने एक बार फिर मिशन मानेसर का जिक्र किया और सीधे तौर पर सचिन पायलट पर निशाना साधा। इससे पहले महेश जोशी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले पर्यटन निगम के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने भी नाम लेकर सचिन पायलट को सीधे तौर पर घेरा था। मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि एक साल पहले चुनाव लड़ना मंजूर है, लेकिन सचिन पायलट को सीएम के रूप में स्वीकार नहीं कर सकते हैं।चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जो आदमी अमित शाह और बीजेपी की गोद में बैठा हो, उसे सीएम के रूप में बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। ऐसे व्यक्ति को सीएम बनाने से अच्छा होगा कि हम इस्तीफा देकर एक साल पहले चुनाव लड़ने को तैयार रहें। उन्होंने कहा कि जिसके पास हरियाणा पुलिस का पहरा रहा हो, उसको सीएम बर्दाश्त नहीं कर सकते। क्योंकि जनता हमको छोड़ेगी नहीं और हम अगला चुनाव जीत नहीं सकेंगे। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया तो पंजाब जैसे हालात हो जाएंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि ऐसे मुख्यमंत्री से अच्छा है कि हम एक साल पहले चुनाव लड़ लें। मीणा ने कहा कि इस्तीफा देकर एक साल पहले चुनाव लड़ना मंजूर है, लेकिन जिस व्यक्ति की अमित शाह ने पैरवी की हो, उसको को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे। मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि राजस्थान में अशोक गहलोत के अलावा कोई भी सीएम की दौड़ में नहीं है। उन्होंने कहा कि 19 अक्टूबर को गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो 102 विधायकों में से आलाकमान सीएम का चुनाव करे। लालसोट के मंडावरी में चिकित्सा मंत्री ने कहा कि सतीश पूनिया कह रहे हैं कि सचिन पायलट के लिए अब भी हमारे दरवाजे खुले हुए हैं। इसका क्या मतलब है इसका मतलब पहले भी दरवाजे खुले हुए थे और अब भी खुले हुए हैं।मीडिया से बात करते हुए परसादी लाल मीणा ने अपना स्टैंड क्लियर करते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री की दौड़ में नहीं हैं। कांग्रेस आलाकमान, सोनिया गांधी और अशोक गहलोत ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे रखी है, जिससे वे गौरवान्वित और सन्तुष्ट हैं। ऐसे में अशोक गहलोत के अलावा राजस्थान में कोई भी मुख्यमंत्री का दावेदार नहीं है। अगर 19 अक्टूबर को अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं, तब 102 विधायकों में से कांग्रेस आलाकमान जिसे सीएम बनाना चाहेगा, वह स्वीकार होगा।